मुरलीधर कुंजबिहारी
तेरी है महिमा न्यारी
मटकी फोड़े माखन ले
कई नाम तेरे बनवारी।
मुरलीधुन सुनकर मोहित
गाय गोप नर नारी ।।
मोहनि तेरी सूरत पै
सौ सौ अनंग बलिहारी।
मुरलीधर कुंजबिहारी
तेरी है महिमा न्यारी।
रक्षक शरणागत के हो
कुछ कृपा करो गिरधारी।।
विश्व गुरु बन बैठे
जब गीता श्लोक उच्चारी
न्याय सदा भाया है
दुष्टो पर प्रलयंकारी।।
हे मोहन मदन मुरारी
कुछ दया करो गिरधारी।
भक्तो को सुख प्रदाता
सुन लो अब विनय हमारी।
एक दया दृष्टि कर दीजै
संकट सिरपर है भारी।।
हे कृष्ण मुरलीधारी
कुछ कृपा करो गिरधारी।।
माखन सा कष्ट चुरा लो
फिर से मुरली धुन सुना दो
हम सब शरणागत तुम्हारी
कुछ कृपा करो गिरधारी।।
#विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र
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अच्छा लगता है