जयहिंद

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garima sinh
हम गौरवशाली झंडे का शान नही झुकने देंगे
भारत की पावन भूमि का अभिमान नही मिटने देंगे!!
चाहे तुमको सरहद की परवाह नही हो नेता जी
पर हम अपने वीरों का बलिदान नही बिकने देंगे!!
गर सीमा पर पड़े जरूरत जान न्योछावर करने की
हम सब लहू का कतरा,कतरा हँसकर न्योछावर कर देंगे!!
चाहे तुम  कुर्सी की खातिर टुकडों,टुकडों में बट जाना
हम अपने स्वर्णिम भारत का इतिहास नही बटने देंगें!!
ये भूमि वीरों के बलिदानों की अमर कहानी है
जो मिटकर भी अमर हुवे हैं उनकी ये अमिट निशानी है!!
तुम बिक जाओ तिनका, तिनका हमको कोई परवाह नही
हम भारत की पावन माटी का एक तिनका नही बिकने देंगे!!
जब तक तन में साँस बची आस नही हम छोड़ेंगे
यूँही  ऐरो गैरों के आगे हाँथ नही हम जोड़ेंगे!!
हम कुछ गन्दे लोगों की खातिर वतन का ये सम्मान नही खोने देंगे
वीरों के बलिदान को हरगिज नीलाम नही होने देंगे!!
बिक जाए कुछ रुपयों की खातिर ऐसा अपना ईमान नही
तुमको देशप्रेमियों की सच्ची पहचान नहीं!!
तुम्हें इज़ाज़त है तुम सरहद पार ही जाकर बस जाना
हम अपने इस पावन देश में गद्दारों का सत्कार नही होने देंगे!!
तुमको शायद अपनी बदनामी की कोई परवाह नहीं
हमको भी सत्ता के गलियारों की कोई चाह नही!!
हम कलम क्रांति के प्रहरी हैं आवाज नही दबने देंगें
सत्ता के डर से मानवता की भेंट नही चढ़ने देंगे !!
हम गौरवशाली झंडे का शान नही झुकने देंगे
भारत की पावन भूमि का अभिमान नही मिटने देंगे!!
#गरिमा सिंह
परिचय- 
नाम-  गरिमा अनिरुद्ध सिंह
साहित्यिक उपनाम-मधुरिमा
राज्य-गुजरात
शहर-सूरत
शिक्षा- एम ए प्राचीन इतिहास
कार्यक्षेत्र-शिक्षण
विधा – हास्य ,वीर रस ,शृंगार

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One thought on “जयहिंद

  1. ☘☘
    बहुत ही बेहतरीन अप्रतिम शानदार अद्भुत अविस्मरणीय उत्कृष्ट सर्जन है आपका| अविरल लय से सुसज्जित उत्तम शब्द संयोजन से परिपूर्ण ओजस्वी तेजस्वी रचना के लिए आदरणीया गरिमा अनिरुद्ध सिंह जी आपको हृदय तल से बधाई एवं शुभकामनाएँ|
    डॉ० राहुल शुक्ल ‘साहिल’
    इलाहाबाद उ० प्र०
    9264988860

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।