पिता रक्षक है बच्चों का
संसार है
पिता बच्चों की खुशियों पर
बलिहार है
हर आवश्यकता पूरी
करता है वो
नहीं मेहनत मजदूरी से
डरता है वो
चाहे जितना कठिन
हो उसके लिए
अन्न खाने को भरपूर
भरता है वो
रहता दिल में उसके सदा
ही प्यार है
पिता बच्चों की खुशियों पर
बलिहार है
स्कूल वो छोडा करे समय
पर सदा
शाम को स्कूल से लाये
वो सर्वदा
आँधी आये या तूफॉ ना
रोके उसे
चाहे कितना भी हो बोझ
उसपे लदा
ना समझने दे वो बच्चों को
लाचार है
पिता बच्चों की खुशियों पर
बलिहार है
कोई भी दु:ख हो उसे वो
दिखाता नहीं
हों दुखी बच्चे ये उसको
माता नहीं
पिता रक्षा कवच ऐसी
चट्टान है
भेद उसको कोई भी कष्ट
पाता नहीं
वो खुश है जो सुखी उसका
परिवार है
पिता बच्चों की खुशियों पर
बलिहार है।
सुनीता मिश्रा ‘सुनीत’
परिचय
सुनीता मिश्रा’सुनीत’ शिक्षक
जीवन साथी-नरोत्तम मिश्रा
शिक्षा-एम.ए.हिन्दी साहित्य
सम्प्रति-शिक्षिका शासकीय माध्यमिक शाला पोलीपाथर रामपुर जबलपुर
विधा-कविता, गीत, गज़ल, लघुकथा,भजन, कहानी,लेख आदि
सम्पर्क सूत्र-848नरसिंह वार्ड जबलपुर( म. प्र.) फोन -0761-2421424मो.9479843702
प्रकाशित कृतियां-“सुहागलों की कथा,” ” मेरी ओर निहारो प्रभु “भाग -एक,दो,तीन भजन संकलन।
“करना है उपकार हमें”
“बलिदान न भुलाएं हम”
“घायल है पर्यावरण”(काव्य संग्रह)
आकाश वाणी से रचनाओं का प्रसारण।
अनेक सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक संस्थाओं से 25से
अधिक प्रशस्ति पत्र। वर्तमान में
5सितम्बर 2017 राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान भोपाल (मुख्यमंत्री
माननीयब शिवराज सिंह चौहान जी द्वारा।
ध्येय वाक्य-‘मेहनत इतनी
खामोशी से करो कि
सफलता शोर मचा दे।’