*चुनर*

0 0
Read Time1 Minute, 43 Second

aditi rusiya

तेरे नाम की बिंदिया सजाई है
तेरे नाम का सिंदूर सजाया है
तेरे नाम की *चूनर* ओढ़ आई मैं
बाबुल का आँगन छोड़ पिया तेरे दर

तेरे नाम का पहना मंगल सूत्र है
तेरे नाम की चुड़ियाँ सजाई हैं
तेरे नाम की चूनर ओढ़ आई मैं
बाबुल का आँगन छोड़ पिया तेरे दर

तेरे लिए ही होंठों पे लाली लगाई है
तेरे लिए आँखों में काजल लगाया
तेरे नाम की चूनर ओढ़ आई मैं
बाबुल का आँगन छोड़ पिया तेरे दर

तेरे लिए ही पैरों में पायल बाँधी है
तेरे लिए ही बिछिया पहनी मैंने है
तेरे नाम की चूनर ओढ़ आई मैं
बाबुल का आँगन छोड़ पिया तेरे दर

तेरे लिए ही हाथों में मेहंदी सजाई
तेरे लिए ही लगाया महावर पैरों में
तेरे नाम की चूनर ओढ़ आई मैं
बाबुल का आँगन छोड़ पिया तेरे दर

तेरे लिए पहना है लाल जोड़ा मैंने
तेरे लिए किया सोलह शृँगार मैंने
तेरे नाम की चूनर ओढ़ आई मैं
बाबुल का आँगन छोड़ पिया तेरे दर

तेरे लिए किया है जब शृँगार मैंने
बाबुल का आँगन छोड़ डोली में आई
तेरे नाम की चूनर ओढ़ पिया
तेरे दर से सोलह शृँगार में अंत समय मैं जाऊँ

अदिति रूसिया
वारासिवनी

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

पर्यावरण बचाएँ

Mon Jul 23 , 2018
हे,मनुज विश्व में,पृथ्वी पर जीवन है जितने। पर्यावरण हित क्या पृथ्वी पर वृक्ष है उतने। पृथ्वी पर जल जीवन वायु,सब साज सजे है। पर्यावरण को भूल मनु ने कितने कृत्य सृजे है ईश,प्रकृति,मानव निर्मित,ये सब जो आवरण चहुँमुखी अर्थ भला सब मिल होते पर्यावरण विकास के निमित्त,नितनूतन इतिहास रचाए इसी […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।