तेरे नाम की बिंदिया सजाई है
तेरे नाम का सिंदूर सजाया है
तेरे नाम की *चूनर* ओढ़ आई मैं
बाबुल का आँगन छोड़ पिया तेरे दर
तेरे नाम का पहना मंगल सूत्र है
तेरे नाम की चुड़ियाँ सजाई हैं
तेरे नाम की चूनर ओढ़ आई मैं
बाबुल का आँगन छोड़ पिया तेरे दर
तेरे लिए ही होंठों पे लाली लगाई है
तेरे लिए आँखों में काजल लगाया
तेरे नाम की चूनर ओढ़ आई मैं
बाबुल का आँगन छोड़ पिया तेरे दर
तेरे लिए ही पैरों में पायल बाँधी है
तेरे लिए ही बिछिया पहनी मैंने है
तेरे नाम की चूनर ओढ़ आई मैं
बाबुल का आँगन छोड़ पिया तेरे दर
तेरे लिए ही हाथों में मेहंदी सजाई
तेरे लिए ही लगाया महावर पैरों में
तेरे नाम की चूनर ओढ़ आई मैं
बाबुल का आँगन छोड़ पिया तेरे दर
तेरे लिए पहना है लाल जोड़ा मैंने
तेरे लिए किया सोलह शृँगार मैंने
तेरे नाम की चूनर ओढ़ आई मैं
बाबुल का आँगन छोड़ पिया तेरे दर
तेरे लिए किया है जब शृँगार मैंने
बाबुल का आँगन छोड़ डोली में आई
तेरे नाम की चूनर ओढ़ पिया
तेरे दर से सोलह शृँगार में अंत समय मैं जाऊँ
अदिति रूसिया
वारासिवनी