0
0
Read Time38 Second
ईख की शक्ल में तब्दील
हो गया है आदमी
और जब जीवन की मिठास
भरने लगती है
उसीकी शक्ल का कोई ईख
बनकर आदमी चूस लेता है उसे
फिर, फेकें हुए सीठी को
खा जाता है पालतू की तरह
कोई डेढ़-पिंजरा गुलाम।
सच आदमी कहीं मर गया है
आदमियत को दफन करके
ईख में बदल गया है।
#पूनम( कतरियार)
नाम- पूनम (कतरियार)जन्म-स्थान :हजारीबाग(झारखंड)शिक्षा– एम.ए.(हिन्दी साहित्य)संप्रति – लेखनपता – पटना(बिहार)
Post Views:
379