आवे जावे मन बहलावे।
जो जो पूछो बात बतावे।
दूरन से वो लागे अपना।
ऐ सखि साजन?ना सखि सपना।
छैल छबीला वो हो जावे।
मदमस्त चाल से वो रिझावे।
साथ कभी उसने नहिं छोड़ा।
ऐ सखि साजन?ना सखि घोडा।
बिन उसके कुछ भी न होवे।
दिन रात की निदियां खोवे।
नहि कोई भी उसका सानी
ऐ सखि साजन? न सखि पानी।
मुझको उसकी याद सताती।
सबसे अपनी बात छुपाती।
घर आता तब खुशियाँ लाता।
ऐ सखि साजन?न सखि छाता।
पल पल अपनी याद दिलाता।
हर मौसम हि मुझको रिझाता।
वो मेरा आँखों का प्यारा
ऐ सखि साजन? न सखि तारा ।
परिचय :
नाम-. मो.आकिब जावेदसाहित्यिक उपनाम-आकिबवर्तमान पता-बाँदा उत्तर प्रदेशराज्य-उत्तर प्रदेशशहर-बाँदाशिक्षा-BCA,MA,BTCकार्यक्षेत्र-शिक्षक,सामाजिक कार्यकर्ता,ब्लॉगर,कवि,लेखकविधा -कविता,श्रंगार रस,मुक्तक,ग़ज़ल,हाइकु, लघु कहानीलेखन का उद्देश्य-समाज में अपनी बात को रचनाओं के माध्यम से रखना