कोई  हलचल  न   ही   रवानी   है। कैसी  ‘ठहरी-सी’ जिंदगानी है।।   तू जो कह दे  तो  बात  हो कोई। वर्ना    हर    बात ही   बे’मानी  है।।   क्यूँ  बहारों    की  आरजू   में   ही। बेवफा  ये     फ़ना  जवानी    है।।   पेड़-पौधे    ज़मीं  नदी   जैसी। प्यार   ही  इक  अमर  निशानी  है।।   […]

  जिन्दा हैं तेरी बूंदों का अक्स पीते-पीते, वरना जान तो कब की जा चुकी।   निगाह तेरी, करम तेरे शब्द तेरे धरम तेरे किसी चीज की कमी कहां।   नमी तेरी, चितवन की नमी तेरे, सुर्खरू होंठों की.. नमी तेरे गुलाबी गालों की काली जुल्फों कजरारे काले नैना की। […]

  जवां हर  दिल की  कहानी लिखूँगा, तुम्हें  रोज  अपनी  मैं रानी लिखूँगा।   कभी मिट न पाए मुहब्बत ये’ अपनी, सनम चांद  पर  मैं  निशानी लिखूँगा।   ग़ज़ल बन लबों पर चली तुम यूँ’ आओ, बहर में सनम  फिर  जवानी लिखूँगा।   बहकने लगा हूँ  छुआ जब से’ तुमने, […]

  जब  घर  में  हम सोते रहते, लेकर  साथ  सकल परिवार। हँसी-खुशी  के  बीच  बाँटते, अपने अनुभव,जीवन सार।।   सैनिक  पहरे  पर दृढ़ रहकर, पाल  रहा  होता  निज  कर्म। हर साँस,हर पल जीवन का, अर्पित   करे  निभाए  धर्म।।   जब सैनिक  का बढ़े मनोबल, दुश्मन  चूर-चूर   हो जाय। अब  तो  […]

  जुबां बन्द कर जख्म खाता रहा, जमाना मुझे आजमाता रहा।।   शिकायत नहीं की किसी से कभी, गलत फायदा सब उठाता रहा।   जरा-सा पलट के जो देखा मुझे, सुकूँ चैन ये दिल गँवाता रहा।   मनाज़िर अनोखा छला रूप का, खता प्यार की ये बताता रहा।   इजाजत […]

  मेरे मौला बख्श दे नेमत,अपनी खुदी दिखा दे, नफरत नाम का लफ्ज तू,दुनिया से आज मिटा दे।   बदल दे पेशानी इन्सा की,हर गम को मिटा दे, हिंसा,नफरत बहुत हो चुकी,थोड़ा  प्यार सिखा दे।   बहुत बनाए मजहब आदमी,तू कुछ इन्सा बना दे, तेरा ही है ये निजाम,तू सबको आज […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।