भाग-३…………. पत्नी की मृत्यु के बाद राकेश उस सदमे से बाहर नहीं आ पा रहा था। उसे लग रहा था कि उसकी जिंदगी भी अब खत्म हो गई है, परंतु छोटी-सी बच्ची का चेहरा देखकर वह अपने-आपको जीवित रखने का प्रयास कर रहा था। आज वो उस दोराहे पर खड़ा […]
उस पैदा हुई बच्ची को अपाहिज देख डॉक्टर की भी आंखों में आंसू आ गए। उनकी आंखों में आंसू आना लाजमी था,क्योंकि बच्चे को जन्म देने वाली उसकी मां जिंदा नहीं थी, और जो अभी-अभी इस धरती पर जन्मी है वह अपाहिज है। ऑपरेशन थिएटर के बाहर खड़ा उसका पति […]
रात के ११ बज चुके थे और सौम्या ने ऑफिस से निकलकर देखा तो घने अंधेरों ने अपनी हुकूमत बना ली थी। सौम्या के मन में डर पैदा हो रहा था और इस डर का कारण था उसके घर तक पहुंचने में पड़ने वाली एक सुनसान सड़क…। ‘डर’ का कारण […]
भाग -१ पात्र-राकेश(सुमन के पापा) कुसुम-(राकेश की पत्नी) सुमन -नायिका (अपाहिज) राकेश का एक सपना था कि,वो अपनी होने वाली सन्तान को बैडमिंटन खिलाड़ी बनाए। यह सपना राकेश के पिताजी का था,जो उन्होंने राकेश के लिए देखा था, परन्तु उसके बचपन में ही पिताजी के गुजर जाने के बाद उसके […]
आज रमेश और सुनीता के घर एक और फूल खिलने वाला था,और बाबा और दादी की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। सबको यकीन था कि इस बार हमारे घर में बेटा ही होगा। सुनीता के पास इससे पहले ही एक बेटी थी ‘महक’। बहुत ही प्यारी(परंतु उससे प्यार करने […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।