न याद कर तू दर्द भरे वो बीते हुए पल, वो समय असफलता का वह हारे हुए पल । वो  धोखे जो  किए तेरे संग इस दुनिया ने , वो छलावा जो किया तेरे संग तेरे अपनों ने। वो दर्द का समंदर जो उठा था जिंदगी में , वह यादें […]

जब कभी मेरी  मांँ का  आंँचल मेरे सर पर आए , दुनिया की मजाल क्या ईश्वर भी न कुछ कर पाए, मांँ  के  चरणों  में  स्वर्ग  संग  चार  धाम  बसे  हैं- छू  माँ  के चरणों को मिट्टी पावन चंदन बन जाए। नाम-प्रज्ञा पाण्डेय साहित्यिक उपनाम-प्रज्ञा पाण्डेय वर्तमान पता-उन्नाव, उत्तर प्रदेश […]

आज फिर एक नवविवाहिता दुनिया से विदा हो गई मांँ की लाडली पिता की दुलारी मौत की नींद सो गई न बता सकी तकलीफ अपनी न सुना सकी दर्द अपना सही होगी न जाने कितनी पीड़ा डूबी होगी जरुर दर्द के सागर में आज फिर एक बेटी मांँ- बाप से […]

पिंकी के फोन की घंटी बजती है पिंकी “हेलो कौन” उधर से आवाज आती है “मैं रेनू कैसी हो पिंकी” पिंकी खुशी से झूम उठती है “अरे रेनू तुम कहाँ हो? तुम्हारा नंबर भी नहीं लगता,शादी के बाद से तो तुम्हारी कोई खबर ही नहीं है। भूल गई क्या अपनी […]

वास्तु शास्त्र और फेंगशुई को लोग एक समान समझने की गलती कर रहे हैं। जिसके कारण लोग वास्तु शास्त्र की अपेक्षा फेंगशुई में बताई गई वस्तुओं का अधिक उपयोग करने लगे हैं। बाजारों में दुकाने फेंगशुई की सामान से भरी पड़ी है।और लोग बिना समझे उसका अत्यधिक उपयोग करते जा […]

अपनी धरती माँ के श्रंगार को नहीं उजाड़ना चाहिए , हर  इंसान को कम से कम एक पेड़  लगाना चाहिए । क्या सदैव देने की  रीत  निभायेगी  प्रकृति ही हमको , कुछ कर्तव्य हमको भी धरती माँ के प्रति निभाना चाहिए। माना  समय  नहीं व्यस्त रहते  हो अपनी ही तरक्की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।