आज फिर एक नवविवाहिता
दुनिया से विदा हो गई
मांँ की लाडली
पिता की दुलारी
मौत की नींद सो गई
न बता सकी तकलीफ अपनी
न सुना सकी दर्द अपना
सही होगी न जाने कितनी पीड़ा
डूबी होगी जरुर दर्द के सागर में
आज फिर एक बेटी
मांँ- बाप से जुदा हो गई
पोस्टमार्टम कहती
यह तो है एक आत्महत्या
मांँ बाप कहते
मेरी बहादुर बेटी नहीं कर सकती आत्महत्या
एक बेटी की मौत आज फिर
एक अनबूझ पहेली बन गई
एक बेटी मौत की नींद सो गई
नाम-प्रज्ञा पाण्डेयसाहित्यिक उपनाम-प्रज्ञा पाण्डेयवर्तमान पता-उन्नाव, उत्तर प्रदेशराज्य-उत्तर प्रदेशशहर-उन्नावशिक्षा-डबल एम ए (अंग्रेजी साहित्य व इतिहास)कार्यक्षेत्र-ग्रहणीविधा -कविता, मुक्तक, ग़ज़ल