इक माँ ने जन्म दिया, इक नन्हे राज दुलारे को। प्यार स्नेह और संस्कार से सींचा, अपनी आँख के तारे को। न जाने कौन सी कमी रह गई, उसे नेकदिल बनाने में। घात लगाएँ बैठा था वो, अपने अन्दर शैतान जगाने को। कैसे हाथ लगाया उसने, मासूम लड़कियों के जिस्म […]

वीर वो सैनिक तम को हराने, जाते जिनके प्राण हैं; जिस मिट्टी से मिल जाते हैं, वह ही ‘दीप’ महान है। दीपक तुम जलते जाना, जगमग जग करते जाना; जल-जल जितना मरुँ ‘पतंगा’, जगमग उतना जग होगा। दीपक तुम जलते जाना, तुझमें आकर मर जाऊंगा। भानु चमकता जगमग जग में, […]

                भाग – १ मछली आज उड़ना चाह रही है; मछली आज चलना चाह रही है। नीरस हो चुकी है वह इस समुद्र में रह-रह कर; ऐसा कतई नहीं पसंद नहीं उसे अपना देश; वह तो पूरी दुनिया घूमना चाह रही है। न […]

मस्ताना मैं चलता जाता, गिरता और सम्भलता जाता। ठोकर खा मिट्टी में आया, धूल में सोया आज मैं। कुछ नहीं! मदिरा तेरा यह बहुत अनोखा प्यार है। मदिरा पीकर मैं भी मदिरा, मदिरा यह संसार है, आँखों से न अश्रु बहे, अब मदिरा की यह धार है। मस्ताना मैं; मस्तानी […]

जन-जन में लगी होड़, किसका अव्वल नम्बर , कोई नष्ट करे जंगल, कोई छेड़ रहा अम्बर । कचरे से पटी सरिता, छलनी है धरणी का वक्ष, कोई तोड़ रहा *पहाड़* , प्राकृतिक दोहन में दक्ष । मिलावट का कोई नायाब, भ्रष्टाचार कुछ के रग में , ईर्ष्या -द्वेष से ओत-प्रोत, […]

सादर नमन मंच ! आज के दौर में साहित्य और साहित्यकारों का साख गिरता प्रतीत हो रहा है , कारण है कोई न पढ़ना चाहता है न सुनना और न ही समझने की जरुरत समझता है  । सोशल मीडिया और इंटरनेट के जमाने में हम फेक न्यूज़, उन्मादी वीडियो , […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।