मां जैसा कहीं प्यार नही है,,
मां के आगंन सा कोई ससांर नही है,,
बेटे फिर भी पास है रहते,,
क्यूं बेटी का मां पर अधिकार नही है,,
भारी पीड़ा भी बेटी ” मां ” से कह देती है,
फिर बेटी से विरह को मां कैसे सह लेती है,,
मां की सारी बाते, बेटी ससुराल में याद करे,
ससुराल में रह कर भी बेटी मां से ही फरियाद करे,
मां ने अपना पूरा जीवन , हम बच्चो पर ध्यान दिया,
अपने श्रृगांर को भूली वो, हम पर सब कुछ वार दिया,
मां तेरे अहसानो को कैसे भूल मैं जाऊ,,,
बस एक प्रार्थना ईश्वर से मेरी,,
हर जन्म में मैं मां तुझको ही पाऊं,,,,
#सचिन राणा हीरो