सारी सर्दी  तुमने सहा है सिर उठाकर खिल खिलाकर और गर्मी  भी सह गए जेठमास की,उफ़ तक न की और पूरी बरसात खड़े खड़े भीगकर विता दी तूफानी हवाओ से टकराये और तुम्हारा कुछ न बिगड़ा लेकिन न जाने क्यों तुम्हे आदमी ने काटकर  जमीन पर पटक दिया झौंर बौर […]

सारी सर्दी  तुमने सहा है सिर उठाकर खिल खिलाकर और गर्मी  भी सह गए जेठमास की,उफ़ तक न की और पूरी बरसात खड़े खड़े भीगकर विता दी तूफानी हवाओ से टकराये और तुम्हारा कुछ न बिगड़ा लेकिन न जाने क्यों तुम्हे आदमी ने काटकर  जमीन पर पटक दिया झौंर बौर […]

भारतीय जनता पार्टी को उसके ही उस अस्त्र से शिकस्त देने का कांग्रेस ने तानाबाना बुना है जो कि अभी तक उसका मुख्य चुनावी अस्त्र रहा है। कांग्रेस ने 23 सितम्बर से 09 अक्टूबर तक राम वनगमन पथ-यात्रा निकालने का ऐलान किया है तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की […]

समय चक्र को हाथो के वक्र को बदलते देखा है दिल के ग़मो को आखो के सिकन को बदलते देखा है ये क्या हुआ कि भृकुटी तन गयी मन सरोवर मे एक अग्नि रेखा बन गयी चंचल चपल चतुर वाक्य,कुछ ऐसा ही कर गयी अब घात क्या प्रतिघात क्या,आत्मसात दिल […]

दिनाँक तीन सितम्बर २०१८ को प्रख्यात नवगीतकार, साहित्यकार , समीक्षक डॉ शम्भुनाथ सिंह की पुण्य तिथि के अवसर पर परेड कोठी कैंट बनारस में आयोजित समारोह में डॉ शम्भुनाथ सिंह शोध संस्थान ने उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा पुरस्कृत वाराणसी के साहित्यकारों को सम्मानित किया | समारोह की अध्यक्षता श्री […]

उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के वर्ष २०१७ के घोषित पुरस्कारों में समकालीन ग़ज़ल के सशक्त हस्ताक्षर अभिनव अरुण को उनके ग़ज़ल संग्रह ‘’बादल बंद लिफ़ाफ़े हैं ‘’ के लिए प्रतिष्ठित ‘’दुष्यंत कुमार पुरस्कार’’ प्रदान किया किया गया है | आगामी १४ अक्टूबर २०१८ को आयोजित समारोह में पुरस्कार स्वरूप प्रमाण […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।