पेड़ 

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arun pandey
सारी सर्दी  तुमने सहा है
सिर उठाकर खिल खिलाकर
और गर्मी  भी सह गए
जेठमास की,उफ़ तक न की
और पूरी बरसात
खड़े खड़े भीगकर विता दी
तूफानी हवाओ से टकराये
और तुम्हारा कुछ न बिगड़ा
लेकिन न जाने क्यों
तुम्हे आदमी ने काटकर
 जमीन पर पटक दिया
झौंर बौर सहित
और कुछ दिनों बाद
तुम फिर हरे भरे हो गए
कल्ले भी निकले
और कपोलें भी
आज तुमने एक फूल को भी जन्मा
उसी की सुगंध चारों ओर महकी
तब मुझे पता लगा तुम कितने  बेशर्म हो
जब सारी दुनिया सोती है तुम आसमान की तरफ
सिर उठाए झिलमिलाते सितारों को
देख रहे होते हो
 न जाने क्या मन ही मन
सोच रहे होते हो
तुम्हारी मौन भाषा मैं पहचानता हूं
तुम्हारे अंदर क्या है मैं जानता  हूँ
कि आदमी ने तुम्हे व्यर्थ ही काटा
अब वही उठाएगा घाटा
जब तुम नहीं होंगे
तो बसंत कैसे आएगा
जेठमास की तपती दोपहरी मे
ठंडी हवा के झोंके कौन लाएगा
तुम नहीं होंगे तो फ़ागुन कौन लाएगा
होली दिवाली और सावन नहीं आयेंगे
तब इस धरती पर कुछ नहीं होगा
शायद आदमी भी नहीं।
#डॉ. अरुण पांडे
 
#कवि परिचय 
नाम  – डॉ. अरुण पांडेय 
देश विदेश  मे  150 से ज्यादा कवि  सम्मेलन  मे शिरकत 
जी News ,News  18, News 24 और आकाशवानी पे कविता  पाठ
Debator विभिन्न TV चैनल 
वाख्यान  – अब तक  7 देशो  मे ( South Africa  , सिंगापुर, मारिशस , मलेशिया , कनाडा , इंडोनेशीआ , नेपाल )
वर्तमान – चिकित्सक ,AIIMS ,नई  दिल्ली मे कार्यरत

matruadmin

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।