डॉ शम्भु नाथ सिंह शोध संस्थान सम्मान समारोह

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दिनाँक तीन सितम्बर २०१८ को प्रख्यात नवगीतकार, साहित्यकार , समीक्षक डॉ
शम्भुनाथ सिंह की पुण्य तिथि के अवसर पर परेड कोठी कैंट बनारस में आयोजित
समारोह में डॉ शम्भुनाथ सिंह शोध संस्थान ने उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान
द्वारा पुरस्कृत वाराणसी के साहित्यकारों को सम्मानित किया | समारोह की
अध्यक्षता श्री ओम धीरज , गीतकार व्  वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने की |
इस अवसर पर वरिष्ठ समीक्षक शब्द्बीज के सम्पादक डॉ इन्दीवर , प्रसिद्द
पत्रकार –कवि श्री हिमांशु उपाध्याय एवं गीतकार डॉ अशोक सिंह विशिष्ठ
अतिथि थे | स्वागत संस्थान के डॉ राजीव सिंह ने किया | वक्ताओं ने इस
अवसर पर कहा कि डॉ शम्भुनाथ सिंह का धन्द्बद्ध एवं  भारतीयता से परिपूर्ण
काव्य साहित्य की प्रतिस्थापना में अमूल्य योगदान है | उन्होंने हिंदी
साहित्य की अप्रतिम सेवा की और इसे एक नयी दिशा प्रदान की|
समारोह को संबोधित करते हुए डॉ इन्दीवर ने बताया कि संस्थान शीघ्र ही
राष्ट्रीय स्तर पर शम्भुनाथ सिंह नवगीत विमर्श कार्यक्रम का आयोजन करने
जा रहा है जिसमें देश भर से नवगीतकार और नवगीत समीक्षक शामिल होंगे | इस
अवसर पर कई खण्डों में प्रकाशित करीब आठ हज़ार पन्नों के डॉ शम्भुनाथ सिंह
समग्र का लोकार्पण भी होगा | डॉ राजीव सिंह ने संस्थान के कार्यकलापों की
जानकारी देते हुए कहा कि संस्थान डॉ शम्भुनाथ सिंह के व्यक्तित्व और
कृतित्व के तमाम पहलुओं के प्रचार प्रसार एवं उनके साहित्यिक मूल्यों के
प्रोत्साहन की दिशा में सदैव क्रियाशील है |
समारोह में उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान से दुष्यंत कुमार पुरस्कार से
सम्मानित ग़ज़लकार श्री अभिनव अरुण, विष्णुराव पराडकर पुरस्कार से सम्मानित
प्रो ॐ प्रकाश सिंह और नरेश मेहता पुरस्कार से सम्मानित डॉ ब्रजेन्द्र
नारायण द्विवेदी शैलेश को अंग वस्त्रम , सम्मान प्रतीक एवं माल्यार्पण कर
सम्मानित किया गया |
कवि अजीत श्रीवास्तव के सञ्चालन में आयोजित समारोह में समकालीन स्पंदन के
संपादक श्री धर्मेन्द्र गुप्त साहिल, शायर नरोत्तम शिल्पी, धूर्त बनारसी
,डॉ अशोक अज्ञान आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे | समारोह में डॉ शम्भुनाथ
सिंह के प्रति काव्यांजलि भी अर्पित की गयी |

#अभिनव अरुण

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।