बकरी का सबसे बड़ा योगदान बकरे पैदा करना। बकरी की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है। अब किसकी सुरक्षा ज्‍यादा जरूरी है बकरी या बालिका की। बालिका गृह में सुरक्षित नहीं और बकरी कहीं भी। बकरी ने देश को इतने बकरे दिए। बकरे किसी ने किस्‍तों में काट लिए […]

छोटे से दिमाग़ में बसा ली है दुनियाँ चारों और कौन देखता है चौतीस हो गयीं बर्बाद मुजफ्फरपुर कौन देखता है उन्नाओ, सूरत, मणिपुर, दिल्ली कौनसा हिस्सा बचा मेरे हिन्दुस्तान अब रोना आता है मुझको बच्चियाँ लाचार, कौन देखता है जब तक बीते न ख़ुद पे बड़े व्यस्त हैं हम चलो प्रार्थना ही करलें पुकारें बेटियाँ कौन देखता है विनती हैं पीड़िताओं के लिये अपने अपने ईश्वर, भगवान, मालिक, ख़ुदा जिसे भी मानते है से इक बार  प्रार्थना/दुआ जरूर करे  #डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’ Post Views: 373

सवाल का जवाब सवाल में ही मिला मुझे …….! वो शख्स मेरा ख़्याल था, ख़्याल में ही मिला मुझे !! फिर भी न जाने ये दिल, क्यों यहाँ वहां पर भटकता है ! जबकि मुझे पता है, मेरे ख्यालो का राजा, मुझे ख्यालो में ही मिलता है !! गमे ख्यालो […]

 दोस्तों हम और हमारे पूर्वज जो की ज्यादा पढ़े लिखे नहीं होते थे न ही ज्यादा डिग्रियां उन लोगो के पास होती थी / परन्तु फिर भी वो लोग आज के विध्दमानो से बहुत ज्यादा ज्ञानी हुआ करते थे और उन लोगो में  व्यावहारिक, वहारिक के साथ ही सामान्य ज्ञान […]

गले लगते दोस्त बोला क्या छोड़ दिया चैन से जीना सीख लिया सारा दिन फेसबुक पर रहना छोड़ दिया चैन से जीना सीख लिया व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी हर रोज नए पचड़े सर दर्द की नई दुकान दिन भर पिंगों-फारवर्ड करना छोड़ दिया चैन से जीना सीख लिया अब कहें क्या […]

उस पिक्षि कमंडल वाले के, चरणो में खो जाऊ / मेरा जी करता है, विद्यागुरु के नित दर्शन पाऊ/ देखी है दुनिया सारी, ये मतलब दीवानी / बिन मतलब रिश्ता ने जोड़े, ये कहते नई कहानी / किस किस को में अपनाउ, किस किस को ठुकराऊ / मेरा जी करता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।