तापस ऋषि सब तप करें,दम सम सह मन गोय। इस गर्मी में जल बिना,वे अति व्याकुल होंय।। स्वप्न पाल बैठी सिया,मन ही मन हर्षित होय। देख परशुराम का क्रोध,मन आशंकित होय।। मन मयूरी पंख संग,देखे कमल नयन जौहरी ताके बाट अब,गहना गुडिया के संग। ————– युद्ध —– खीचकर तलवार चलाया […]