उभारता नित्य देश को
निखारता वो हर शक्ख है
अपनी अथक परिश्रम से
करोड़ो दिलो की धडकन है
दो अक्षर का नाम वाला
130 अरब का सेवक है।
इतिहास दर इतिहास दर्ज होगा
तेरे जीवन के हर पन्नों में
क्योंकि तू अकेला नही
तेरे पीछे 130 करोड़ का जीवन है।
है वह हिन्द का चमकता सितारा
जिसके चमक से भारत रौशन है
अंधेरो में रहने वालो को
उजाले का कहाँ अनुभव है।
मान चुका जान चुका पहचान चुका
पूरे विश्व में अपना डंका बजवा चुका
फिर भी नकारने की जिनकी फिदरत है
वो तो बदनाम करके भी हार चुका।
कहते है कारवां बढ़ता रहे
हर घर हिन्द में खुशहाल हो
और इससे भी सशक्त
पुनः हिन्द की आनेवाली सरकार हो।
“आशुतोष”
नाम। – आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम – आशुतोष
जन्मतिथि – 30/101973
वर्तमान पता – 113/77बी
शास्त्रीनगर
पटना 23 बिहार
कार्यक्षेत्र – जाॅब
शिक्षा – ऑनर्स अर्थशास्त्र
मोबाइलव्हाट्स एप – 9852842667
प्रकाशन – नगण्य
सम्मान। – नगण्य
अन्य उलब्धि – कभ्प्यूटर आपरेटर
टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य – सामाजिक जागृति