तापस ऋषि सब तप करें,दम सम सह मन गोय।
इस गर्मी में जल बिना,वे अति व्याकुल होंय।।
स्वप्न पाल बैठी सिया,मन ही मन हर्षित होय।
देख परशुराम का क्रोध,मन आशंकित होय।।
मन मयूरी पंख संग,देखे कमल नयन
जौहरी ताके बाट अब,गहना गुडिया के संग।
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युद्ध
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खीचकर तलवार चलाया ऐसे, चहु ओर मचा हाहाकार ।
चहु ओर फैला चीख पुकार, दौड रहे घुडसवार।।
दुश्मनी निभाया बहुत, संग राख तलवार।
जब निकला वह म्यान से, मचता हाहाकार।।
चले तलवार मैदान मे, मच रहे हाहाकार।
माताएँ रूदन करे, देख लहू की धार।।
“आशुतोष”
नाम। – आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम – आशुतोष
जन्मतिथि – 30/101973
वर्तमान पता – 113/77बी
शास्त्रीनगर
पटना 23 बिहार
कार्यक्षेत्र – जाॅब
शिक्षा – ऑनर्स अर्थशास्त्र
मोबाइलव्हाट्स एप – 9852842667
प्रकाशन – नगण्य
सम्मान। – नगण्य
अन्य उलब्धि – कभ्प्यूटर आपरेटर
टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य – सामाजिक जागृति