मां जैसा कहीं प्यार नही है,, मां के आगंन सा कोई ससांर नही है,, बेटे फिर भी पास है रहते,, क्यूं बेटी का मां पर अधिकार नही है,, भारी पीड़ा भी बेटी ” मां ” से कह देती है, फिर बेटी से विरह को मां कैसे सह लेती है,, मां […]

जिसको छुप छुप मैं तकती थी,,जिसपे सच मुच मैं मरती थी,, जिसकी आहें मैं भरती थी,,जिसकी चिट्ठीयां मैं पढ़ती थी,, ये तो वही दिवाना है, ये तो वही दिवाना है,, जिसकी बातों में जादू था,,दिल जिसके लिए बेकाबू था,, जिसकी आखों में रव़ानी थी,,जिसकी मैं दिवानी थी,, ये तो वही […]

मेरे घर में खुशींया छाई, और मन हर्षाया है,, मैनें लड्डू गोपाल जबसे तुमको चाहा है,, राधा सी प्रीत भी होती है, मीरा सी लगन भी लग जाए,, हार भी जीत सी होती है, धरती से गगन जब मिल जाए,, मन पावन हो जाता है, कान्हा से लगन जब लग […]

बड़ा ख्वाब नही मेरा, बस इतनी सी गुजारिश़ है,, किसी का दिल ना दुखाऊ मैं, बस इतनी सी ख्वाहिश़ है,, पाया भी बहुत मैनें, खोया भी बहुत कुछ है,, मंजिल को पाने को , बोया भी बहुत कुछ है,, रिश्तें निभाने को , खुद की आजमाईश है,, बड़ा ख्वाब नही […]

वो हरा दुपट्टा उसका, जिसपे फूलो की फुलकारी थी,, जिसके इश्क़ में पागल थे , वो लड़की बड़ी सुहानी थी,, उसके हुस्न के चर्चों से गलीयों में शोर शराबा था,, उसकी चाहत पाने को हर आशिक़ का इरादा था,, जिसके यौवन के कायल सब, वो राणा की दिवानी थी,, जिसके […]

एक होली आज भी है,, एक होली वो भी थी,,, अब साथ नही है जो,, तब हमजोली वो भी थी,,, उसके गाल गुलाबी को तब रंगो से हमने रंगा था,,, उसके होठो के गुलकंद को, अधरो से जब चखा था,,, उसके योवन का रंग हम पर कुछ ऐसे चढ़ गया […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।