काव्य संग्रह…………. राजकुमार जैन ‘राजन’ का प्रस्तुत काव्य संग्रह “खोजना होगा अमृत कलश” प्राप्त करने का सौभाग्य मिलने से हमें बहुत ख़ुशी हुई है | देव-दानव “अमृत कलश” के लिए एक दुसरे से लड़ाई कर रहे थे | इसे प्राप्त करने की स्पर्धा चलती थी | हमें कोई संघर्ष नहीं […]

आज इंटरनेट यानि अंतरजाल के माध्यम से कहानियां, कविता,उपन्यास, संवाद,ग्रंथ, समाचार पत्रिका,ई-बुक्स एवं ई-पत्रिका ने अपनी जड़ें मजबूत करने के साथ-साथ हिंदी का प्रचार-प्रसार भी बढ़ाया है। आप कविता या कहानी लिखते हों,तो आज के कवि या लेखक को अंतरजाल चलाना पहले ही चलाना सीखना होगा,क्योंकि अपनी रचनाएं लाखों लोगों […]

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  सदी की घड़ी में रुक गया तलाक, सुप्रीम कहे कानूनी नहीं है तलाक। तलाक को किया गया तोड़ मरोड़, ख़ुश हो  गई महिला नौ करोड़। सुशील है देश के प्रधानमंत्री मोदी, तलाक के लिए कानूनी राह सोधी। देश में मुसलमान हो या फिर ख़ान, कानून तलाक से आ गई […]

सागर में चाहें आए तूफान, तब भी जीवन की नैया, पार कर लूँगा मैं। आपके साथ पाताल से, गगन तक छा जाऊंगा मैं। कुछ ऐसा कर दूँगा मैं,      मेरी याद न मिटे। चाहे फूल जंगल का हो,    सुवास भर दूँगा मैं। रेखाओं से बनाया है, महल सपनों […]

अमृतसे भरा है दिल मेरा, जो सागर जितना सत पूनमचंद के पप्पू के पास बुजुर्ग माँ लिखाती खत.. पप्पू उसका मुंबई गांव में, परेश भाई प्रेमजी नामे लिखती हैं मैया। पाँच बरस में पहुँची नहीं, एक पाई.. कागज की एक चिट्ठी भी, नहीं मिली मेरे भाई.. समाचार सुन के तेरा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।