स्वतंत्रता

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gulab

स्वन्त्रता की चलाई आंधी,                                                                                   नाम था उसका मोहन गाँधी।


जानता कि उसने बनाई कुमक,
दांडी से उसने उठाया नमक।
कस्तूरबा से करवाया श्रम,
साबरमती में बनाया आश्रम।
बचपन में चबाए चने,
इग्लैंड जाकर बैरिस्टर बने,
स्वन्त्रता की  ज्योति जलाई,
भारत को आजादी दिलाई।
अंग्रेजों ने जब करवाई हिंसा,
गाँधी ने अपनाई अहिंसा।
अहिंसा का वह नारा लगवाया,
भारतीयों को खाकी पहनाया।
अछूतों को बनाया परिजन,
नाम अनुपम दिया है हरिजन॥

          #गुलाबचन्द पटेल

परिचय : गांधी नगर निवासी गुलाबचन्द पटेल की पहचान कवि,लेखक और अनुवादक के साथ ही गुजरात में नशा मुक्ति अभियान के प्रणेता की भी है। हरि कृपा काव्य संग्रह हिन्दी और गुजराती भाषा में प्रकाशित हुआ है तो,’मौत का मुकाबला’ अनुवादित किया है। आपकी कहानियाँ अनुवादित होने के साथ ही प्रकाशन की प्रक्रिया में है। हिन्दी साहित्य सम्मेलन(प्रयाग)की ओर से हिन्दी साहित्य सम्मेलन में मुंबई,नागपुर और शिलांग में आलेख प्रस्तुत किया है। आपने शिक्षा का माध्यम मातृभाषा एवं राष्ट्रीय विकास में हिन्दी साहित्य की भूमिका विषय पर आलेख भी प्रस्तुत किया है। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय और केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय(दिल्ली)द्वारा आयोजित हिन्दी नव लेखक शिविरों में दार्जिलिंग,पुणे,केरल,हरिद्वार और हैदराबाद में हिस्सा लिया है। हिन्दी के साथ ही आपका गुजराती लेखन भी जारी है। नशा मुक्ति अभियान के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी दवारा भी आपको सम्मानित किया जा चुका है तो,गुजरात की राज्यपाल डॉ. कमला बेनीवाल ने ‘धरती रत्न’ सम्मान दिया है। गुजराती में ‘चलो व्‍यसन मुक्‍त स्कूल एवं कॉलेज का निर्माण करें’ सहित व्‍यसन मुक्ति के लिए काफी लिखा है।

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