यूँ रहना जहां में है दुश्कर अकेले, न अर्थी उठे है न छप्पर अकेले। जो तन्हाइयों से मुहब्बत है कर ली, है लगता नही अब मुझे डर अकेले। समां गुफ्तगू का बनाते चलो जी, जो चलना हो लंबे सफ़र पर अकेले। हमें करके महनत है कल अपना लिखना, न कुछ कर […]
फ़ोन पे मेरा हाल पूछता, हाल क्या तुझे सुनाऊँ मैं। पास मेरे आ बैठ जरा तू, खोल के दिल बतलाऊँ मैं॥ भूल गया तू दिन क्या अपने, साथ जो हमने बिताए थे साज-बाज वो गीत कहाँ है, साथ जो हमने गाए थे। हाथ में लेकर हाथ बैठ तू, गीत पुराने […]
जीत-हार की बात नहीं संघर्ष अभी भी जारी है, तब भी सीता हारी थी तो अब भी सीता हारी है। कैसे कह दूँ रावण हारा बस उसके जल जाने से, बचे हुए हैं कितने रावण कर्मोँ का फल पाने से। कब तब ऐसे रावण को ये देश रहेगा ढोता, काश […]
नमामि मात शारदे,नमामि मात शारदे। विनाश काम क्रोध मोह लोभ मात मार दे। सदैव सत्य लेखनी लिखे डरे न सार दे। अनेक भाव शब्द और शुद्ध से विचार दे। उपासना करुं प्रभात से बनी उपासनी। […]
तुम नेहनयन की आशा हो, तुम जीवन की परिभाषा हो। तुम हो देवी गीतों की, तुम देवी प्रीत प्रतीतों की। तुम इन आँखों का पानी हो, तुम बचपन और जवानी हो। तुम ख्वाब बड़ा ही प्यारा हो, तुम सच्चा एक सहारा हो। तुम भूख प्यास में जीती हो, तुम अश्रु […]
शक्ति स्वरूपा दुर्गा थी वो अम्बा थी कल्यानी थी, रणचण्डी का रूप धरे वो झाँसी वाली रानी थी। कटि में बाँधे लाल काल-सी मैदां में वो उतर गई, तोड़ महल के सारे बंधन शाही वैभव से मुकर गई। उसे फिरंगी सेना की अब तो नींव हिलानी थी, रणचण्डी का रूप […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।