कैसा है यह मन बावरा, अनजाने डर से यह घबराता न कोई अपना न कोई पराया, फिर भी ढूंढे यह साथी पहचाना ना जाने कैसा है यह मन बावरा—- पता है इसको माहौल पुराना कि जहाँ वाह वहां अफवाह फिर भी अफवाहों से यूं ही डर जाता मेरा मन बेचारा […]

सदी इक्कीसवीं, बरस था सोलहवां दिवस और मास भी तो था ग्यारहवां रखा था एक कदम जो अब बना कारवां | लेकर ध्येय ‘हिन्दी भाषा के गौरव को बढ़ाना’ और ‘भारत में हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाना’ की ‘अविचल’ ने मातृभाषा.कॉम की स्थापना | देकर अभिव्यक्ति पटल द्विसहस्त्र रचनाकारों को मिला […]

आधुनिकता के इस दौर में न राम है न राम सा। न माता कौशल्या सी न पिता राजा दशरथ सा। सीता सी नारी नहीं अब जो दे सके अग्नि परीक्षा, समाज उस पर ऊंगली उठाए कैसे हो उसकी रक्षा। लक्ष्मण सा भाई नहीं देखा जो चल दिये वनवास, भाई-भाई का […]

भारत माँ की पावन भूमि में आज खुशियों की बहार। स्वतंत्रता दिवस की पावन बेला व राखी का त्यौहार। राखी के त्यौहार संग तिरंगा झंडा फहराएं हम, प्यार-स्नेह का बंधन, देशभक्ति मन में जगाएं हम। भाई-बहन के नेह का बंधन देश प्रेम का संयोग हुआ, केसरिया सफ़ेद हरा तिरंगा फहराने […]

श्याम सलोने तेरी मुरली है चितचोर जग के खिवैया आजाओ नन्दकिशोर श्याम वर्ण, तेरा रूप निराला मथुरा जन्मे कृष्ण गोपाला वासुदेव, देवकी ने जन्म दिया पुत्र कहलाये यशोदा नन्दलाला सुंदर मुखड़ा नयन काले-काले सिर पे मोर मुकुट, बाल घुघराले हाथ में मटकी, गले बैजंती माला मनमोहनी मूरत, रूप निराला उंगली […]

सुंदर काया सौभ्य छवि ज्ञानवान, वाकपटुता तेजस्वी थी राजनीति में कुशल थी वो प्रखर वक्ता ओजस्वी थी प्यारी सी मधुर मुस्कान थी उनकी मुखर व्यक्तित्व, सुलझी हुई नारी थी सादा जीवन उच्च विचार थे उनके भारत की बेटी संस्कारी थी भारत माता की सच्ची सेवा कर देश में किये सदा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।