देश की सरकार को कोसते,अर्थव्यवस्था को चौपट करने की कोशिश करते,रुपए की घटती कीमत का ठीकरा दूसरों  पर फोड़ते और स्वदेशी उत्पादों का मजाक बनाते लोगों को तो हम सबने कहीं-न-कहीं देखा और सुना होगा,क्योंकि  ये वही लोग हैं,जो `आधुनिकीकरण`(मॉडर्नाइजेशन) की छाप लगवाने के लिए विदेशी कम्पनियों के शो-रुम में […]

फागण प्रतिस्पर्धा के परिणाम  भाषासारथी मित्रों, सभी का अभिनंदन और स्पर्धा में प्रतिभागी होने के लिए धन्यवाद। आपको बताते हुए प्रसन्नता है कि, *मातृभाषा.कॉम* हिन्दी पोर्टल द्वारा गत दिनों आयोजित ‘फागण’ स्पर्धा के सभी विजेताओं के नाम घोषित किए जा रहे हैं। बड़ी खुशी की बात है कि, *मातृभाषा.कॉम* हिन्दी […]

भारत सरकार द्वारा सेना को कश्मीर में आतंकियों की ढाल बनने वाले पत्थरबाजों को सबक सिखाने की खुली छूट दी जानी चाहिए,जिससे उन पत्थरबाजों को आतंकवादियों का साथ देने का परिणाम पता चले। उनसे निपटने के लिए पैलेट गन की जगह एसएलआर और ए.के.- 47 जैसे हथियारों के इस्तेमाल करने […]

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सभ्य समाज या सभ्य परिवार मनुष्य की जिंदगी को कहाँ तक प्रभावित करता है?..इसका उत्तर है कि,एक सभ्य परिवार ही सभ्य मनुष्य का उत्पादन केन्द्र है। मनुष्य के अंदर ऐसी शक्ति पाई जाती है,जो लोगों को चकित कर दे,वह उसके परिवार की ही देन है। मनुष्य जो कुछ भी सीखता […]

आजकल हलचल और काम का बोझ मनुष्य को बहुत जल्दी विचलित कर देता है, जिसे ‘तनाव’ का नाम दिया जाता है। आज इससे सबसे ज्यादा महिलाएं सफ़र कर रही हैं। हम बेटियों को बेटे के बराबर की शिक्षा दे रहे हैं पर,जब वो इस लायक बन जाती तब बात आती। […]

मित्रों,आज विश्व रचनात्मकता दिवस पर बात अपने-अपने भीतर छुपी रचनात्मकता की। विधाता की सर्वश्रेष्ठ कृति के नाते हम सबमें कोई- न-कोई रचनात्मकता अवश्य छिपी है। आवश्यकता सिर्फ उसे पहचानने की है। रचनात्मकता सिर्फ लेखन,प्रकाशन,चित्रकारी,कलाकारी, अभिनय,गायन-वादन आदि तक ही सीमित नहीं है। इसका फलक इतना व्यापक है कि, उसे किसी एक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।