इन्दौर। श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति, इन्दौर के साप्ताहिक कार्यक्रम सृजन विविधा में शुक्रवार को कई विषयों पर रचनाकारों ने अपनी रचनायें सुनाईं, जिसमें विशेष तौर से लोकतंत्र के महापर्व ’मतदान’ के महत्व को प्राथमिकता दी गई। ज्ञातव्य है कि इन्दौर में लोकतंत्र का उत्सव 13 मई को होगा उसमें अपने मताधिकार का उपयोग करने का आह्वान किया गया। संचालन कर रही डॉ. पद्मा सिंह ने सृजन विविधा के माध्यम से नये रचनाकारों को प्रोत्साहन तथा विषय की विविधता पर प्रकाश डाला। आरंभ में नीति अग्निहोत्री ने श्री राम की महत्ता पर रचना पढ़ी फिर मॉं की महिमा पर डॉ. अखिलेश राव, शीला चंदन ने अपनी रचना ’प्रेम स्वरूप तुम्हीं हो, ममता स्वरूप तुम्ही हो…’ पढ़ीं। सुरेखा सिसोदिया ने ’सावन की बूंदों में तेरी छवि मैं देखती हूॅं… ’ मधुर शीतलता प्रदान करने वाला गीत पढ़ा। राधिका इंगले ने ’लोकतंत्र का उत्सव आया है..’ ज्योति यादव ने ’बार-बार क्या याद दिलायें… वोट देने सभी जायें…’ के माध्यम से मतदान करने का आह्वान किया। शीला बड़ोदिया ने ग्रीष्म ऋतु का वर्णन किया तो अमन पाण्डे ने ग्रीष्मकालीन छुट्टियों का बहुत ही सुंदर वर्णन करते हुए कहा ’खूब भाती थी गर्मियों की छुट्टियॉं, परिवारों को मिलाती थी गर्मी की छुट्टियॉं, अब तो समर वेकेशन हो गई हैं गर्मी की छुट्टियॉं…’ मनोरमा जोशी ने अपनी गजल में कहा ’दर्द की तस्वीर की बनकर रह गई है जिन्दगी…’।
इस अवसर पर डॉ. किरण पांचाल, नवनीत जैन, सरिता जैन, कविता चौहान ने जहॉं रचनायें पढ़ीं वहीं मदन जी ने व्यंग्य रचना का पाठ किया। कार्यक्रम में , प्रचारमंत्री हरेराम वाजपेयी डॉ. अर्पण जैन, डॉ. आरती दुबे, राजेश शर्मा, अनिल भोजे, घनश्याम यादव, किशोर यादव आदि काफी संख्या में साहित्यकार उपस्थित थे। अंत में आभार समिति के प्रधानमंत्री श्री अरविन्द जवलेकर ने व्यक्त किया।