शास्त्री- बापू तेरे ही देश में लूट रही है अस्मत से बेटियां और बहशी बना है आदमी बापू तेरे देश में । रो रहा है अन्नदाता और भर रही हैं तिजोरिया उद्योग पतियों की लाल बहादुर शास्त्री तेरे देश में। सत्ता बनी है शातिर अपने सिंहासन परस्ती की खातिर शास्त्री-बापू […]