कोरोना काल में कोरोना के पहली और दूसरी घातक लहर में लाखों अपनों को खोने के बाद अभी आम जनता के आंसू सूख ही रहे थे कि ऐसे में सरकार ने महंगाई को दोगुना कर दिया ।जनता को महामारी के बाद पौष्टिक खानपान की आवश्यकता होती है यहां भी सरकार […]
आज 21 जून विश्व योग दिवस सारा संसार खुद में बहुत ही गौरवान्वित महसूस करके मनाने लगा है क्योंकि आज के दौर में जहां उसका महत्व एवं उद्देश्य बहुत ही अच्छे से लोग समझने लगे हैं। विशेष रुप से आपदा के इस कोरोना काल में जहां लाखों जिंदगियां अकाल मृत्यु […]
राम को पूजने वालों अब धरा पर राम नहीं आयेंगे तुम्हें ही बनना होगा राम । अपनी प्रजा के एक प्रश्न की खातिर अपनी प्रिया को त्यागने वाले श्रीराम बनना होगा तुम्हें। अपनी मां को दिये वचन को निभाने की खातिर सत्ता सुख को त्याग कर वन प्रस्थान करना। स्थापित […]
सदियों से हमारा भारत बहु संस्कृति, बहुभाषी ,बहु मान्यताओं का केंद्र रहा है ।जहां सभी को स्वतंत्र रूप से अपनी अपनी आमनाओ, परंपराओं के साथ जीवन निर्वाहन करने का अधिकार रहा है क्योंकि इस देश की महान जलवायु मैं ही हिमालय की शीतलता है तो थार के मरुस्थल की उष्णता […]
लोकतंत्र के नाम पर पूंजीवाद के मकड़जाल में फंसता आदमी । असुरक्षित सत्ता से सुरक्षा की गुहार लगाता आम आदमी । भावनाहीन, तर्कहीन चाटुकार प्रशासन से अपनी सुविधाओं की भीख मांगता आदमी । राष्ट्रवाद के नाम पर अपने ही सैनिकों के खून पर फिर से सत्ता सुंदरी को पाते हैं […]
विकास ,विकास ,विकास आजकल हम सभी का दिन के प्रत्येक प्रहर में इस शब्द से सामना जरूर होता है। चाहे नेताओं के नारे जैसे “सबका साथ ,सबका विकास” हो या आम आदमी के जुबान से निकलता हुआ विकास का दावानल हो। हम सभी विकास को पाने की दौड़ में चाहे […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।