नई उम्मीद है मेरी नया है आसमा मेरा सपनो का मेरे है रंग बहुत गहरा चला जिस राह पर भी मैं नई मंजिल बनाता हूँ यहां हर चीज मेरी है ये प्यारा वतन मेरा नई एक राह भी देखूँ करूँ इस्तकबाल मैं उसका कठिन हो राह उसकी तो पकड़ लूं […]

हृदय से आलिंगन कर लूं, पास आ ओ प्रियवर….! धड़कनो का स्पंदन सुन ले, नही है मुझको अब सबर…! माथे पर तुम्हारे चुम्बन, का वो मखमली स्पर्श…..! पग-पग चलूँ मैं सँग, चाहूँ तेरा ही उत्कर्ष…..! अधरों की कंपकपी मेरी, जिया का भेद खुलने न दे….! हृदय में है कितना प्रेम, […]

मेरे कान्हा ,मेरे कन्हिया ,ओ  मेरे गोपाला तू जो मिल जाए तो दुनिया की कोई चीज न लूँ मेरे कान्हा ———————- मन की गागर ना जाने क्यों छलकती जाती है तू जो थामे तो कोई भाव कहीं ना भटके मेरे कान्हा —————— मन मंदिर में विराजो ओ मेरे गोपाला राधा […]

कुछ रिश्तों में हमे अपनी कमी हमेशा बरकरार रखनी चाहिए,आप यदि हर समय उनके लिए उपलब्ध रहेंगे तो आप उस चीज को महसूस नही कर पाएंगे कि आप उनके लिए कितने खास है,या फिर शायद वो आपको महसूस न करा पाए कि आप उनके लिए कितनी अहमियत रखते है, मैं […]

कल एक समाचार पत्र में प्राप्त समाचार जिसमे एक कान्वेंट स्कूल अपने बच्चों को वर्द्धा आश्रम लेकर गया जहां एक बच्ची अपनी दादी को वहां देख रोने लगी जब उससे कारण पूछा तो उसने बताया कि पापा मम्मी ने बताया कि दादी को चाचा ले गए है ।     […]

अटल सत्य वो रहे सदा ही पक्ष विपक्ष सत्ता जो हो चाहे साथ सदा सबको ले चलते सदा ऐसे ही थे अटल हमारे कविह्र्दय रहे सदा ही इस लिए जन जन को प्यारे अड़ जाता जब कोई विपक्षी इनके तर्कों से वो हारे पाक वार्ता जब हुई विफल थी सारा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।