हो जाती है कभी शाम भी तेरे बगैर, पर तेरी यादों के बगैर मेरा एक पल भी बीता ऐसा कभी भी न हुआ…, ढेरो शिकायते है तुम्हे मुझसे, पर उन शिकायतों को मैंने दिल पर लिया ऐसा कभी भी न हुआ… लाजमी है तुम्हारा रूठ जाना मुझसे, पर तेरे रूठने […]

हे मेरे विधाता करो कुछ तुम उपाय हो श्रद्धा मन में जीवन हो आसान है पल पल घटती उम्र खत्म होती कर अपने काम खत्म सफर खत्म हो ये सत्य अटल है नश्वर सब संसार तो भी घेरे मोह रहे मन संताप विचलन हो सदा पार नही बोलो करे क्या […]

माँ शारदा को नमन नमन करूँ चहुं ओर चारो दिशाएं प्रकृति सभी गुरु सभी  ओर                  🏼 प्रथम गुरु है माँ मेरी दूजे पिता महान जिन्होंने ये जीवन दिया और दिया सब ज्ञान । गुरु फिर आये जीवन में समझाया सब सार चलना […]

इन पलकों में हजारों ख्वाहिशों का बोझ लिए ,,,सपनो को जीना कितना सुखद होता है,,दिन भर निरंतर कोशिश करते रहना,,,और रात को उन कोशिशों को इन पलकों में सजाकर ख़्वाब की ओर नींद की आगोश में चले जाना,,,,कि अगली सुबह वो जरूर पूरे होंगे,और न भी हुए तो क्या गम,फिर […]

कभी-कभी किसी का इंतजार बेहद प्यारा लगता है, क्योंकि हर सुबह सूरज की सुकूँ भरी उजली किरण की तरह उसका लौट आना तय होता है,हर रोज की तरह तय होता है उसकी यादों के साथ उसकी मीठी बातो,उसके प्रेम,उसके वादों, उसके प्यार भरे एहसासों का लौट आना,, हा तय होता […]

  कभी सुहानी भोर हो तुम,तो कभी इस थरथराती ठंड में सूरज की किरणों का मेरे देह से स्पर्श कर मेरे अंतर्मन को पहुँचने वाला सुकूँ हो तुम,,,कभी सुरमयी शाम हो तुम,,,तो कभी इन नयनों को शीतलता पहुँचाता वो सागर तट के ओट में छिपा चाँद हो तुम,,,जिसे हृदय बार-बार […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।