कान्हा 

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nisha gupta
मेरे कान्हा ,मेरे कन्हिया ,ओ  मेरे गोपाला
तू जो मिल जाए तो दुनिया की कोई चीज न लूँ
मेरे कान्हा ———————-
मन की गागर ना जाने क्यों छलकती जाती है
तू जो थामे तो कोई भाव कहीं ना भटके
मेरे कान्हा ——————
मन मंदिर में विराजो ओ मेरे गोपाला
राधा रानी तके राहें संग उनके चले आना
मेरे कान्हा ——————-
जीवन नैया लगाओ पार यशोदा के लाला
राह जो दिखाई कर्म की मैं चलूँ उस पे कान्हा
मेरे कान्हा ————–
खो जाऊँ तुझमें दुनिया से कोई काम न हो
दे दो ज्ञान विरक्ति का संभालो मुझे गोपाला
मेरे कान्हा —————–
#निशा गुप्ता
 
वर्तमान/स्थायी पता   देहरादून उत्तराखंड
 
 शिक्षा     MSc (Chemistry)
 जन्म एवं जन्म स्थान.     11 जुलाई, मुज़फ्फरनगर 
                                           उत्तर प्रदेश
 व्यवसाय।                    गृहणी
 
प्रकाशन विवरण :
1   सेवा प्रसून, आगरा  से प्रकाशित पत्रिका
2    हिमालय हुंकार,     देहरादून से प्रकाशित पत्रिका 
3    राजवंश समाज ज्योति, मेरठ से प्रकाशित पत्रिका
4     हिंदी सागर त्रिमासिक पत्रिका 
5        नारी काव्य सागर 
सम्मान का विवरण (यदि कोई हो तो दें)
1 श्रेष्ठ कवयित्री सम्मान से सम्मानित 
2 नारी सागर सम्मान 
3 काव्य पाठ स्वदेशी मंच देहरादून 
 4 काव्य पाठ छात्र संगठन सप्ताह देहरादून में 
5 अखिल भारतीय अग्रवाल राजवंश सभा में काव्य पाठ 
 
11- संस्थाओं से सम्बद्धता
 
1  मंत्री वैश्य अग्रवाल राजवंश महिला सभा ,देहरादून 
 
2  प्रंतीय महिला प्रमुख व श्रवण बाधित प्रकोष्ठ प्रभारी 
उत्तराखंड 
 
3  स्वस्तिक सेवा सोसाइटी में सब्जेक्ट एक्सपर्ट 
नशा मुक्ति अभियान के अंतर्गत स्कूलों में बच्चो से वार्ता 
 
4   पूर्व मीडिया प्रभारी 
सेवाभारती, देहरादून
 
5    प्रांतीय वर्ग बौद्धिक प्रमुख   2016 
 
6    सदस्य विद्योत्मा विचार मंच देहरादून
 
7   पूर्व संस्थापिका गार्गी किशोरी विकास केंद्र देहरादून 
 
8  कौशल विकास् प्रशिक्षण   वर्ग सयोंजक 
स्वामी विवेकान्नद सेवा संस्थान पंजिकृत 
देहरादून उत्तराखन्ड।  

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।