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हृदय से आलिंगन कर लूं,
पास आ ओ प्रियवर….!
धड़कनो का स्पंदन सुन ले,
नही है मुझको अब सबर…!
माथे पर तुम्हारे चुम्बन,
का वो मखमली स्पर्श…..!
पग-पग चलूँ मैं सँग,
चाहूँ तेरा ही उत्कर्ष…..!
अधरों की कंपकपी मेरी,
जिया का भेद खुलने न दे….!
हृदय में है कितना प्रेम,
ये मोहे तोसे कहने न दे…..!
तू ही समझ इस मन की,
तड़पन को अब……!
मैं रहूंगी मौन बस,
अंखियन की भाषा पढ़ भी ले…!!
#निशारावलछत्तीसगढ़
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