सीफर से तो शुरु भयो,            पहाड़ जैसा पाय। सम विषमाभाज अभाज,           संबंधी बन जाय॥ लाभ हानि के अंक में,          जीवन बना गणित। आयु तो नित घट रही,       अनुभव जुड़ता मीत॥ गुणा-भाग दिन-रात से, […]

पन्द्रह जून को सदा, शाला उत्सव जान। माथे तिलक लगाइए,शारद का हो गान॥ पुस्तक दीजे हाथ में,खीर-पूरी भी साथ। गुरु-शिष्य मिल बांचिए,ले के पुस्तक हाथ॥ मास जुलाई लागते,गणवेशा सिलवाय। काम पूरा कीजिए, कहते हैं  कविराय॥ मास अगस्ता मध्य में,लो झंडा फहराय। खीर-पूरी का भोज दे,सभी पेट भर खाय॥ सितंबरा में […]

छोटे-से धार्मिक विवाद में साम्प्रदायिक दंगा आग की तरह पूरे शहर में फैल गया। मारपीट,लूटपाट,गाली-गलौच,चीख-पुकार,पत्थरबाजी,खूनखराबे से शांत गलियाँ हाहाकार करने लगी। भीड़भाड़ की करुण पुकार और बेरहमियों के अत्याचार की गूँज काॅलेज से घर-घर लौटती हुई लड़कियों ने सुनी,यह विकराल दृश्य देखकर वे डर से काँपने लगी। चार आतताईयों के […]

बेटी हिन्दी संस्कृता,अंग्रेज़ी का ज्ञान। उर्दू अरबी फारसी,बहुभाषा सम्मान॥ बेटी हिन्दी की विधा,धारे रुप अनेक। व्याकरण के ज्ञान से,करती अलग विवेक। बेटी कहानी रुप है,कविता आतम मान। रेखाचित्रा लघुकथा,निबंध पत्र को ज्ञान। नाटक अरु एकांकी,अरु कहो उपन्यास। डायरी अरु संस्मरणा,हिन्दी का इतिहास॥ यात्रा वृत्तांत है,भेंटवार्ता वार्ता आन। जीवनियाँ,आलोचना,गद्य विधा का […]

तासी ने इतिहास रचाया। पीछे रामचंद्र ने गाया।। आदिभक्तिअधु रीति बनाई। चारभाग संवत में गाई।। खुसरो जग विद्या वरदाई। चारों आदि कवि कहलाई।। रामकथा तुलसी ने गाई। बीजक कबीरा कही सुनाई।। मीरा सूरा खान बखाना। नंद चतुर्भुज वल्लभ जाना। रामा तुलसी नाभा गाते। अग्र ह्रदय प्राणा भी आते।। सेन भगत […]

(सचिन तेंडुलकर के जन्मदिन पर) जय सचिन क्रिकेट के तारे। तुम्हरे बल्ले से सब  हारे।। मुम्बई में जनम तुम पाया। भीम शिवा-सा नाम कमाया।। मां रजनी ने दूध पिलाया। अजित अंजली साथ निभाया सोलह बरस की उमर थी भाई। अभिमन्यू  की  याद दिलाई।। पहला  मैच  पाक  से खेला। अकरम की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।