(सचिन तेंडुलकर के जन्मदिन पर)
जय सचिन क्रिकेट के तारे।
तुम्हरे बल्ले से सब हारे।।
मुम्बई में जनम तुम पाया।
भीम शिवा-सा नाम कमाया।।
मां रजनी ने दूध पिलाया।
अजित अंजली साथ निभाया
सोलह बरस की उमर थी भाई।
अभिमन्यू की याद दिलाई।।
पहला मैच पाक से खेला।
अकरम की गेंदों को झेला।।
कादिर के छक्के छुड़वाए।
तभी आप नायक कहलाए।।
धोनी को विश्वास तुम्हारा।
राहुल वीरु साथ था प्यारा।।
नव चालीसा शतक जमाए।
वन-डे मैच ही नाम कमाए।।
टेस्ट मैच के तुम अधिकारी।
शतक इकावन जबसे मारी।।
गावस्कर को भी पीछे छोड़ा।
सारे अभिलेखों को तोड़ा।।
वर्ल्ड कप भारत ने पाया।
युवी धोनी का साथ निभाया।।
छ विश्व कप आपहि खेले।
कष्ट बहुत से तुमने झेले।।
ध्यानचंद हाॅकी जग छाई।
सचिन क्रिकेटा धूम मचाई।।
दोहर तीन शतक लगाए।
तभी आप जनजन को भाए।।
कभी-कभी गेंदें भी फेंकी।
चतुराई तुम सी नहिं देखी।।
छन्नू आधी शतक बनाई।
सौ शतकों की धूम मचाई।।
रन तैंतीस हजार बनाये।
जग में सबसे ऊपर छाए।।
टी ट्वेंटी भी शतक जमाया।
आइपीएल का मान बढ़ाया।।
पदम विभूषण तुमने पाया।
खेल रतन का बिगुल बजाया।।
ग्रुप कप्तान उपाधि पाई।
भारत की सेना हरषाई।।
भारत रतन के तुम अधिकारी।
शतकों की शतकें जब मारी।।
राष्ट्रपति ने तुम्हें बुलाया ।
राजसभा सम्मान बढ़ाया।।
शतकों की भी शतक से,भारत का सम्मान।
क्रिकेट के भगवान हो,कहते कवि मसान।
चवालिसवें जनम पर,देते शुभ आशीष ।
जुगजुग जीवे लाल यह, सुखी रखे जगदीश।।
#डाॅ. दशरथ मसानिया