साहित्यिक उपज की दृष्टि से काशी प्राचीन काल से उत्तर प्रदेश की सर्वाधिक उर्वर भूमि है। इस भूमि पर भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के साहित्यिक मशाल को प्रसाद, प्रेमचंद और रामचन्द्र शुक्ल के साथ ही जलाए रखा एक चिर युवा साहित्यकार ने जिसका जन्म काशी के निकट मिर्जापुर में हुआ था किन्तु […]
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उज्जैन। विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ (विश्वविद्यालय) भागलपुर ने उज्जैन में होने वाले अपने दो दिवसीय 13-14 दिसम्बर 2018 को 22 वाँ दीक्षान्त सारस्वत समारोह में जनपद चन्दौली (उत्तर प्रदेश) ग्राम मैढ़ी के मूल निवासी अवधेश कुमार ‘अवध’ को उनके दो दशकीय हिंदी साहित्य सेवा, स्वतन्त्र पत्रकारिता एवं अहिंदी भाषी पूर्वोत्तर भारत […]
प्रकृति स्वयं में सौम्य सुशोभित,सुन्दर लगती है। देख समय अनुकूल हमेशा,सोती-जगती है॥ जब मानव की छेड़खानियाँ,हद से बढ़ जाती। जग जननी नैसर्गिक माता,रोती बिलखाती॥ लोभ मोह के वशीभूत हो,जब समता घायल। बिन्दी पाँवों में गिर जाती,माथे पर पायल॥ अट्टहास कर मानव चुनता,जब उल्टी राहें। महामारियाँ हँसकर गहतीं,फैलाकर बांहें॥ चेचक हैजा […]