जनता कद्र करेगी जब तक नेता की, नेतागण यूँ ही जनता को लूटेंगे। प्रतिभाएँ सड़कों पर कुचली जाएँगी, लोकतन्त्र के भाग्य रोज ही फूटेंगे। अपनी क्षमता को पहचानों, कद्र करो, मक्कारों के अहंकार तब टूटेंगे। फिर कोई गणितज्ञ नहीं पागल होगा, धोखा देने वालों को जब कूटेंगे। जब तक हम […]