साहित्यकार अवध विभूषित होंगे मानद विद्यावाचस्पति से

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उज्जैन।
विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ (विश्वविद्यालय) भागलपुर ने उज्जैन में होने वाले अपने दो दिवसीय 13-14 दिसम्बर 2018 को 22 वाँ दीक्षान्त सारस्वत समारोह में जनपद चन्दौली (उत्तर प्रदेश) ग्राम मैढ़ी के मूल निवासी अवधेश कुमार ‘अवध’ को उनके दो दशकीय हिंदी साहित्य सेवा, स्वतन्त्र पत्रकारिता एवं अहिंदी भाषी पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में हिंदी भाषा के प्रचार – प्रसार में उल्लेखनीय अवदान के लिए अपना प्रतिष्ठित मानद सम्मानोपाधि ‘विद्यावाचस्पति’ (पी एच डी) से विभूषित किया जाएगा। वर्तमान समय में श्री अवध मेघालय के एक सीमेंट प्लॉंट में अभियंता के रूप में कार्यरत हैं।
श्री अवधेश कुमार ‘अवध’ ने स्वतन्त्र पत्रकारिता, समसामयिक आलेख लेखन एवं साहित्य सृजन में महत्वपूर्ण कार्य किया है। इनकी रचनायें देश के विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशित होती रही हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से भी नूतन साहित्य कुंज एवं अवध मगध साहित्य समूह चलाकर तथा हजारों लोगों से जुड़कर हिंदी को जन भाषा बनाने हेतु प्रयासरत हैं। काशी की साहित्यिक भूमि, घर का शैक्षणिक परिवेश एवं पूर्वोत्तर की प्रकृति में जिजीविशा – संघर्ष इनकी रचनाओं में देखा जा सकता है। श्री अवध के इन सभी उपलब्धियों को देखते हुए विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ भागलपुर ने ‘विद्यावाचस्पति’ (पी एच डी) की मानद उपाधि से विभूषित करने की घोषणा की है।इस खबर से उत्तर प्रदेश का पूर्वांचल और पूर्वोत्तर राज्य गौरवान्वित हुए हैं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।