उज्जैन। विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ (विश्वविद्यालय) भागलपुर ने उज्जैन में होने वाले अपने दो दिवसीय 13-14 दिसम्बर 2018 को 22 वाँ दीक्षान्त सारस्वत समारोह में जनपद चन्दौली (उत्तर प्रदेश) ग्राम मैढ़ी के मूल निवासी अवधेश कुमार ‘अवध’ को उनके दो दशकीय हिंदी साहित्य सेवा, स्वतन्त्र पत्रकारिता एवं अहिंदी भाषी पूर्वोत्तर भारत […]

शासक बदले स्वराज मिला पल भर के लिए मन प्रसून खिला किन्तु चार दिन की चाँदनी ठहर न सकी हमारी झोपड़ी में निकल गई बाजू से राजधानी ट्रेन की मेन लाइट की मानिंद, हमारे नेताओं के वादे पहले लुभाए फिर घायल किए तन, मन और झोपड़ी को और फिर बिखर […]

1. हमारी सुनो सोच समझकर अपनी कहो 2. सबकी सुनो आत्ममंथन करो मन की करो 3. मीठा होता है मेहनत का फल दुःखों का हल 4. राहें पड़ी हैं चुनकर चलना कहाँ जाना है? 5. लक्ष्य की धुन अपनी जिंदगी में सोच के चुन परिचय:- अशोक कुमार ढोरिया मुबारिकपुर(हरियाणा) Post […]

1

फिल्म 2.0 की समीक्षा को लेकर आपके समक्ष उपस्थित हुआ हूं । यह फिल्म देखने के बाद मेरे मन में आया की, इस फ़िल्म के बारे में आप लोगों से बात किया जाय । फ़िल्म समीक्षा करने से पहले हम तनिक इस बात पर गौर करें की ,कोई भी सिनेमा,समाज […]

1.हम खुशहाली लाएंगे, सब मिल मतदान कराएंगे।। 2.वोट भूल से रह न जाये, आओ हम सब हाथ बढ़ाए।। 3.महिला, बूढ़े या  हो जवान, सभी डालने जाओ मतदान।। 4.हर घर अलख जगाएँगे, वोट की महिमा बताएंगे।। 5.हाथ जोड़कर कहना है, वोट  जरूर  देना  है।। 6.हम सबने ये ठाना है, 100% मतदान […]

1. पेड़ लगाओ संतुलन बनाओ सृष्टि बचाओ 2. गिरा देती है ओछी मानसिकता मानवता को 3. हरे हो जाते चुनाव समय में वादों के पौधे 4. सूख जाते हैं कुर्सी पर आते ही वादों के पौधे 5. तैयार खड़े स्वागत करने को फूल लेकर #अशोक कुमार ढोरिया मुबारिकपुर(हरियाणा) Post Views: […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।