तन और मन की रहे स्वस्थता तो, जीवन भी सदा स्वस्थ बन जाता है । स्वास्थ्य सुख है सर्वोच्च जगत में, पहला सुख निरोगी काया कहलाता है। पुरातन संस्कृति ने सिखाया हमें, स्वस्थता सफलता की कुंजी है । विरासत में मिले हमें ध्यान योग, जीवन की सबसे […]
टूटा हूं आज हालातों से, मगर झुका नहीं हूं मैं । थका हूं उलट हवाओं से, मगर रुका नहीं हूं मैं । माना कश्ती मेरी टूटी है, और दूर बहुत किनारा है। किस्मत भी मेरी रूठी है, नहीं कोई और सहारा है । बढ़ा जा रहा हूं मौजों पे, […]
कभी कभी मुस्कुरा भी दिया करो यारों, चेहरे पर उदासियां अच्छी नहीं लगती । माना गम बहुत है इन राहों में मगर, जिंदगी में मायूसियां अच्छी नहीं लगती। उदासियां थामती है निराशा का दामन, और मायूसियां घोर अंधेरे फैलाती है । मगर मेरे यार, चेहरे की मुस्कुराहट तो, अमावस की […]
ऐ यार ना कर भरोसा इतना भी, अक्सर भरोसे टूट जाया करते हैं । जो रहते हैं दिल के बहुत करीब, वो ही अक्सर रूठ जाया करते हैं । विश्वास पर गुजारी मैंने तो जिंदगी, फिर भी लोग राहों में धोखा दे गए । जिन पे था रब से भी […]
नहीं दिखती है कोई उम्मीद मगर, प्रयास करने में कोई हर्ज नहीं । घोर अंधेरे है दूर तलक फिर भी, विश्वास जगाने में कोई हर्ज नहीं । ना हो भले ही उजाले *”स्पर्श”* मगर, प्रयत्नों से अन्तर्मन में संतोष होगा । इच्छित आशाएं ना फले फिर भी, मन को नहीं […]
जन्म और मृत्यु तो है शाश्वत सत्य, जो आया उसे एक दिन जाना है । मगर महत्वपूर्ण है बस यही कि, जीवन को कैसे जी कर जाना है । कोई जीता है जीवन बुलबुलों सा, आता और जी कर चला जाता है । तो कोई जीता है ओस की बूंदों […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।