चलो कोशिश करते हैं जीवन को कसमों की डोरी में रस्मों की गंध से अलंकृत कर दें चलो कोशिश करते हैं हिना के रंग को स्नेह अभिव्यक्ति के अनमोल पलों से अमर कर दें चलो कोशिश करते हैं अपरिचिति श्वासों को हवन कुंड की अग्नि के समक्ष एक दूजे में […]
ऐ सावन की घटा जा सीमा पे ज़रा एक संदेशा उन तक पहुंचा देना । कई दिनों से नहीं लौट के आए वो, घर के हाल जरा उन्हें बतला देना। बहना सजा रही है थाल फिर से, सुनी कलाई का मान बढ़ा देना । बह ना जाए नीर उसकी आंखों […]
दर्द भरा है अभी तेरी मां के दिल में, मैंने तो अपने दिल को समझा दिया । मगर तू तो हो गया पत्थर दिल बेटा, घर तूने जब से अलग बसा लिया । कैसे भूलूं मैं जिंदगी का वो दिन बेटा, जब तू चुपके से कोख में आया था । […]
मैं वो सूखे दरख़्त का ठूँठ हूं, जो औरों के बहुत काम आया । पड़ा हूं आज मैं बीच राह में, ठोकरों का सिर पे इल्जाम आया। जब तक जुड़ा रहा मैं जड़ों से, अपने में जहां समेटे खड़ा था । बदले कई मिजाज मौसम ने, […]
जी लिया मैं बहुत दुनिया के लिए, अब अपने लिए जीना चाहता हूं । ऐ जिंदगी चल दूर बहुत दूर कहीं, अब मैं गुमशुदा होना चाहता हूं । देखी मोहब्बतें, नफरते रिश्तों की, देखी दुनिया की दुनियादारी भी । देखी मतलबी, फरेबी जालसाजी, देखी यारी ईमान और खुद्दारी भी। उलझी […]
चल रही है झूम के हवाएं, बादलों ने शोर मचाया है । बदला सा मिजाज मौसम का, कोई दस्तक देने आया है ।। रंग बदला है पत्तो ने अपना, पेडों ने गीत गुनगुनाया है । डाली डाली चहक रही, आनन्द हृदय में समाया है ।। सौंधी सौंधी खूश्बु माटी की, […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।