अभी 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया गया।यह साल वायु प्रदूषण के विषय पर है इससे पहले 2018 में हमने इसी दिवस को प्लास्टिक प्रदूषण को हराना है विषय पर मनाया था वायु सबसे बड़ा माध्यम है प्रदूषण को इधर उधर पहुंचाने का।इसीलिए कई बार इसे […]

बच्चपन की धुधली सी यादें होठो की प्यारी सी मुस्कुराहट घंटो एक दूसरे को तंग करना शायद अब याद आ रहा है ।। स्कूल दिनो की वो मस्ती बिना मतलव का झगरना एक दूसरे को नीचा दिखाना शायद अब याद आ रहा है ।। अपनी नटखट पन से कभी कृष्ण,तो […]

      हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार कुल इक्यावन शक्तिपीठ हैं।जिनमें से माता सती की नाभि गिरने के कारण यह स्थान मां पूर्णागिरी के नाम से संसार में प्रसिद्ध हुआ। हिमालयी राज्य उत्तराखंड के चम्पावत जिले में स्थित यह अपार स्नेह का केन्द्र निकटवर्ती शहर टनकपुर से इक्कीस किलोमीटर की […]

देश के अन्नदाता की आंखों को सुख देने वाली फसल और खेत में जब मुस्करायी सरसों इठलाने लगी अलसी आम बौराये गये कि – बैण्ड बाजे के साथ बादल आ गए बारात घरों सी रोशनी मंगाकर चमकी बिजली चलने लगीं जोर जोर की हवायें कहीं अंधड़ कहीं बरसात कहीं कहीं […]

        कोई भी समाज यदि पुरुष प्रधान है तो भी और महिला प्रधान है तो भी, एक दिन उसका पतन हो ही जाएगा। वही समाज आगे बढ़ेगा जो वास्तविक समानता पर आधारित होगा। तब परिवार स्वस्थ संस्थाओं का रूप लेंगे और उज्ज्वल व्यक्तियों के व्यक्ति समाज और […]

मना रहे राष्ट्रीय पर्व सब झूम रहा है देश हिम्मत दिखा पाकिस्तान में विंग कमांडर अभिनंदन अब लौट रहे स्वदेश! स्वागत!स्वागत! भारत के वास्तविक नायक! शत्रु के हमले का जाँबाजी से किया सामना नहीं किया प्रयोग हथियार, लगे न हाथ दुश्मन के कागज, सुबूत कोई अपना कुछ निगल लिया कुछ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।