(संविधान निर्माता डॉ.भीमराव आम्बेडकर जी की जयंती पर विशेष )
दलितों के मसीहा डॉ. आम्बेडकर बाबा,
जन-जन की भावनाओं से रखा नाता ।।
विश्व विख्यात हुआ संविधान हमारा,
सबको दिखाया समरसता का रास्ता।।
संविधान में सबको दिया समान हक,
इतिहास में अमर हुए आम्बेडकर
बाबा।।
छूआछूत,द्वेष को समाज से किया दूर,
सद्भाव,भाईचारे का जग को दिया नारा।।
धन्य हुई मध्यप्रदेश की महू नगरी,
जहाँ जन्मे हमारे संविधान निर्माता।।
क्या लिखूं भारत के ताज पर,
गर्व है जिसके स्वाभिमान पर।।
लिख डाला जिसने संविधान,
हमें नाज है ऐसे भारत रत्न पर।।
क्या लिखूं सबकी आवाज पर,
गर्व है जिसकी कांति-क्रांति पर।।
किया सबका समान विधान,
हमें नाज है हमारे आम्बेडकर पर।।
शिक्षित बनो,संगठित रहो,आगे बढ़ो,
के प्रेरणास्रोत थे डॉ.आम्बेडकर बाबा।।
#गोपाल कौशल
परिचय : गोपाल कौशल नागदा जिला धार (मध्यप्रदेश) में रहते हैं और रोज एक नई कविता लिखने की आदत बना रखी है।