सोंधी-सोंधी-सी ख़ुशबू लेकर जब तुम आती हो, मुझको तो लगता है अपने खेत की तुम माटी हो। हरे-भरे पत्तों के जैसा है परिधान तुम्हारी, बागों की नाज़ुक कलियों -सी है मुस्कान तुम्हारी, पंखुड़ियों से अधर खिले तुम हर एक को भाती हो। मुझको तो लगता है अपने खेत की तुम […]

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भगवान बुद्ध के अनुसार शरीर और मन के प्रति सावधान रहने से दुखों से छुटकारा मिल सकता है। बुद्ध ने संसार को समझने और अपनी धारा तय करने के लिए एक तकनीक का प्रयोग किया जिसका नाम है-सती अनापान’ तकनीक। इसके अनुसार प्राण वह श्वांस जिसे अंदर खींचा जाता है […]

तेरे खफा होने और मेरे रुठने में फर्क इतना-सा है, तुम खफा होती हो तो मैं तुम्हे मनाने आता हूँ, मैं अगर रुठता हूँ तो खुद ही मान जाता हूँ। तेरे प्यार में इस कदर पागल हुआ है ये दिल, तेरी बेवफाई पर भी,वफ़ा लुटाता जाता हूँ। लाख छुपाता हूँ […]

प्रेम प्यार की वो पुजारन अंखियों की वे नूर, ले आया था भर मांग उनकी ‘एक चुटकी सिन्दूर’। आने से महक उठा था देखो घर-आँगन, जीत लिया था उसने, सबका देखो मन, श्रृंगारित हो ललचाती मुझको, हंसमुख सुहागन, हम सबको नाज था उस पर देखो भरपूर, ले आया था भर […]

आईना तब से चिढ़ने लगा, प्यार जब से तू करने लगा। गली में  कभी चौबारे खड़ा, रास्ता मेरा तू तकने लगा डर है  मुझे  तब लगने लगा सरेआम जब तू मिलने लगा। प्यार जब से….। मुलाकातें  हुईं  अफसाना बना, मैं दीवानी हुई  तू दीवाना लगा सब पराए हुए  तू सगा […]

यूं नहीं आती हैं फसलें खेत की मिट्टी से प्रिये, ये पसीना बूंद बनकर बीज के कानों में कहता, आना है कुछ ही समय में तुमको धरा की पीठ पर, तृप्त करना है मनुज की हर कामना तुमको। देह झांकती हो भले इस जीर्ण चिर से, पर मुझे चिंता तुम्हारी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।