अब तो तेल भी न बचा चराग़ में,  ये दिल रोशन है वफ़ा की आग में। यूँ देख कर न हमसे नज़र घुमाइए, हम भी माली थे कभी इस बाग में॥ देते हैं दिल को वो तसल्ली जरूर, पर यकीं कैसे करें उनके इस राग में। खेला खूब दिल से […]

बारिश की बूँदों ने देखो, कैसा किया कमाल, झूम उठा मन,बच्चों ने जी भर के किया धमाल। मत रोको अब भीगने दो, मस्ती में गाएंगे, अभी नहीं तो ये मस्ती, जीवन में कब पाएंगे। नहीं सुनेंगे हम भीगेंगे, तोड़ के सब जंजाल बारिश की बूँदों ने देखो, कैसा किया कमाल। […]

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तेरी फुर्कत सही  नहीं जाती, उफ मेरी  बेखुदी नहीं जाती। हो  गए  जबसे  दोस्त  पैमाने, तबसे  ये  मैकशी  नहीं जाती। तेरा  चेहरा  मैं  चाँद  में  ढूँढू, मेरी  दीवानगी  नहीं  जाती। दूर नज़रों से जबसे आप हुए, आँखों से तीरगी  नहीं जाती। क्या कहूँ हाल-ए-दिल मैं ऐ ‘पंकज’ बात सबसे कही […]

पता नहीं क्यूँ, मन हो रहा है इस वक़्त एक सुलगी-सी कविता लिखने का कुछ-कुछ मुझ जैसी मेरे प्यार के जैसी .. या एक कॉफी हाउस में एक ग्लास पानी के जैसी जो मेरे होंठों से लगकर गुजरी थी .. तुमसे ही कहीं। पता नहीं क्यूँ, मन हो रहा है […]

बाहर भी दिखा था, भीतर भी दिखा था लफ्ज़ कुछ शातिर थे लफ्ज़ कुछ कातिल थे शब्द कुछ दोस्त थे शब्द कुछ दुश्मन थे दिल में समेटे हुए लफ्ज़ सभी मौन थे। एक सैलाब आया, आंधी की तरह और लफ्जों के बांध को तोड़ दिया,वहां लेखनी खड़ी थी और आपने […]

इस बार सरसों की फसल अच्छी होगी सरसों के पीले फूल खिल रहे हैं बौर भी अच्छा ही आएगा फिर भण्डार भर जाएगा। सरसों के फूलों की खुशबू बता रही है, अच्छे शगुन ला रही है गीत पुरवाई संग गा रही है बहारें इस बार तो होंगी जरूर ईश्वर कभी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।