1

  कुदरत की कारीगरी हो,         ख़ुद अपनी पहचान हो।     मत भूलो वज़ूद अपना,          तुम भी एक इंसान हो॥      मानवता का मंदिर हो,           प्रेम की मिसाल हो।         ओ अपने भाग्य […]

बरसो,बरसो रे मेघ, बरसो,बरसो रे मेघ। धूप से सूख रहे हमारे खेत, बरसो,बरसो रे मेघ। बरसो,बरसो रे मेघ॥ नदी,पोखर,तालाब और नाले, कब बहेंगे फिर होकर मतवाले। रिमझिम फुहारों को धरती पर भेज, बरसो,बरसो रे मेघ। बरसो,बरसो रे मेघ॥ मेंढक,झींगुर,मोर,पपीहा, बुलाए तुमको मेघ संवरिया। गर्मी से झुलस रही इनकी देह, बरसो,बरसो […]

क्यों हुए आतुर हमारी नापने गहराई मन की, क्यों छुआ है घाव मेरा जागती है पीर तन की। चाँदनी भी चुभ रही है जो जगाती याद उनकी, कोई चुनरी तान दे अब तारकों की और तम कीलll सूझता न पथ कोई भी गर्दिशों की धुन्ध इसमें, फूल हैं न पात […]

कहिए कलियुग! कैसा आया नए दौर का दौरl खड़ी फसल को चली आँधियों ने झकझोरा खूब, छिप कोने में दुबकी-दुबकी रोई हल्दी-दूब बचा-खुचा जो मालगुजारी खाई भर-भर कौरl हानि-लाभ के दिशाशूल में, लाला मालामाल सट्टों ने भी साठ-गाँठ कर खूब गलाई दाल.. माल दिखाया हाथ और कुछ बेच दिया कुछ […]

प्रतिदिन सोशल मीडिया पर नारी की फटी-चीथड़ी,आंखों में आंसू और गोद में बिलखते बच्चों की तस्वीरों और अत्यन्त दारूण सामग्री को देखते-देखते मैं थक चुकी हूँl ऐसा नहीं कि,मैं समाज में हो रहे नारी शोषण की पक्षधर हूँ। मैं भी एक नारी हूँ,और इस तरह की नारी के प्रति हो […]

वो सुंदर सी छरहरी देह की गौर वर्णीय लड़की थी। औसत थी पढ़ाई में। माँ कहती-बेटों को चाहे जितना पढ़ा लीजिए,पर विभूति को नहीं। अनिमेष पढ़ने  में बहुत होशियार नहीं था,फिर भी इंजीनियरिंग  कर ही ली थी। जिद करके विभूति भी डॉक्टर बन ही गई थी। वह शोध  के लिए […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।