हम यूँ कैद हुए लम्हों की बस्ती में, जैसे शाम दरख्तों की परछाइयों मेंl धीरे-धीरे सूरज ढलने लगा संध्या सजी वृक्ष पल्लवों में, रात रानी हुई,महकने लगी पूनम का चाँद मुस्कुराने लगाl चाँदनी का आँचल लहराया, जमीं पे जुगनू जगमगाने लगे तारों की महफ़िल आसमाँ पर, बादल गीत खुशी के […]

छोटे-से धार्मिक विवाद में साम्प्रदायिक दंगा आग की तरह पूरे शहर में फैल गया। मारपीट,लूटपाट,गाली-गलौच,चीख-पुकार,पत्थरबाजी,खूनखराबे से शांत गलियाँ हाहाकार करने लगी। भीड़भाड़ की करुण पुकार और बेरहमियों के अत्याचार की गूँज काॅलेज से घर-घर लौटती हुई लड़कियों ने सुनी,यह विकराल दृश्य देखकर वे डर से काँपने लगी। चार आतताईयों के […]

स्कूल,स्वागत द्वार सजाएं, आओ प्रवेश उत्सव मनाएं। तिलक से करें हम स्वागत, नवप्रवेशी बच्चे शाला आएं॥ बेटा-बेटी को खूब  पढ़ाएं, अशिक्षा का तिमिर मिटाएं। शिक्षा ही विकास की सीढ़ी, ऐसा संदेश घर-घर फैलाएं॥ किताब,गणवेश मुफ्त पाएं, स्वादिष्ट  भोजन  मन भाएं। साईकिल,छात्रवृति,बेहतर शिक्षा हेतु नामांकन कराएं॥ बच्चे दौड़े-दौड़े शाला आएं, आओ […]

तन-मन,चिंतन कर दिया, तुम्हें समर्पित राम। फिर अपनाते  क्यों  नहीं, राघव करुणाधाम?॥ प्रभु मारुति !अब कीजिए, मर्मान्तक आघात। अहंकार   करने   लगा, फिर मन में उत्पात॥                                               […]

केरल की खूबसूरत  जगहों  में  से एक वेनाड की यात्रा  करना  जीवन  के हसीन पलों को अपनी स्मृति  में  संजो लेने  से कम नहीं है। समूचा वेनाड  जिला यूँ  तो सुरम्य प्रकृति,हरीतिमा,घने जंगल और जंगली जीवन का उन्मुक्त  नजारा  है,लेकिन अपनी गाड़ी  में  अपने पसंदीदा दल के साथ अगर आप […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।