तू उदास न हो प्रिये,

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sunil namansunil naman
इस बार
सरसों की फसल अच्छी होगी
सरसों के पीले फूल खिल रहे हैं
बौर भी अच्छा ही आएगा
फिर भण्डार भर जाएगा।
सरसों के फूलों की खुशबू बता रही है,
अच्छे शगुन ला रही है
गीत पुरवाई संग गा रही है
बहारें इस बार तो होंगी जरूर
ईश्वर कभी तो देता है छप्पर फाड़ के,
अब फटेहाल नहीं रहूंगा
बदन पर नए-नए लिबास लिपटे होंगे,
तुझे भी नई साड़ी  दिलवाऊंगा,
घर सपनों का जरुर बनाऊंगा।
टूटी-फूटी झोपड़ी से अब तू भी ऊब चुकी होगी,
बरसात में अब पानी नहीं टपकेगा।
धूप की चंद लकीरें जो प्रवेश कर जाती है झरोखों से,
अबकी बार न आने पाएंगी,
उम्मीद का दीया अब तो जलेगा
हर बार की तरह बुझने न पाएगा
अब आधे भूखे पेट न तू सोएगी और न मैं ही सोऊंगा,
जग में सबके पेट के लिए अन्न होगा।
हरियाली से सरोबार खेत है
खलिहान अब खाली नहीं होगा,
जेबें सारी पैसों से भर जाएंगी
किसान अबके बरस रोएगा नहीं
खुशियों की बाढ़ आएगी,
रंगोली,होली और दीवाली अब तू भी सजाएगी।
सुन जरा,
मेरी बात ध्यान से सुन
मेरे पास बैठकर जरा गम कम कर ले,
सरसों से झोली तू आज भर ले
सुकून मेरी बातों को सुनकर मिलेगा जरूर,
तू भी लगेगी अब तो कोई हूर
आ बैठ जरा दो पल,
खुशियों से सरोकार कर लें
मन था बरसों से जो भारी उसे थोड़ा-सा हल्का कर ले
गालों पर हसीं ले आ,
उदासी तो अब न गले लगा॥
परिचय :सुनील कुमार लेखन के क्षेत्र में धार्विक नमन नाम से जाने जाते हैं। आप वर्तमान में डिब्रूगढ़ (असम)में हैं,जबकि मूल निवास झुन्झुनूं (राजस्थान) है।  शैक्षणिक योग्यता एम.ए. (अंग्रेजी साहित्य,समाज शास्त्र,)सहित एम.एड., एमफिल और बीजेएमसी भी है।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।