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हमने बोए थे गुलाब, क्यों नागफनी उग आई ? दूध पिलाकर जिनको पाला, बन विषधर डसते हैं, जिन पर पैर जमा बढ़ना था, वे पत्थर धँसते हैं। माँगी रोटी, छीन लँगोटी जनप्रतिनिधि हँसते हैं। जिनको जनसेवा करनी थी, वे मेवा फ़ंकते हैं।! सपने बोने थे जनाब पर नींद कहो कब […]

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कहाँ गया वह पेड़, कहाँ है वह शाख। जिस पर दिखाई देती थी अर्जुन को चिड़िया की आँख॥ क्या काट दिया उस पेड़ को, लकड़हारों ने , या फिर चिड़िया को आने ही नहीं दिया बहारों ने॥ क्या अर्जुन लक्ष्य से भटक गया, क्या उसका बाण तुणीर में अटक गया॥ […]

ओ मेरे प्रिय विरोधी, चिर प्रगति-पथ अवरोधी। तुझे नमस्कार है- शत-सहस्त्र प्यार ही प्यार है। क्योंकि, तेरे विरोध की चिंगारियाँ हीं- मेरी महत्वाकांक्षाओं के यज्ञ की- पवित्र रश्मियाँ हैं, आलोक में जिनके- मेरी इच्छाएँ चढ़ती हैं- प्रगति-पथ की सीढ़ियाँ। कैसे कह दूँ मैं- तुम मेरे विरोधी हो… चिर प्रगति-पथ अवरोधी…? […]

जम्मू-कश्मीर के नौहट्टा में मस्जिद के बाहर ड्यूटी में तैनात पुलिस अधिकारी को कुछ उपद्रवियों की भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला। मारे गए अधिकारी अयूब पंडित की गलती बस इतनी-सी थी कि,उन्होंने मस्जिद के बाहर खड़े होकर अपनी ड्यूटी पूरी निष्ठा से निभाने की कोशिश की थी। अपनी ड्यूटी […]

कोटि-कोटि  कंठों से कह दो,वंदे गौ मातरम नारे, गौरक्षा के हित में आओ,कान्हा बन के तुम प्यारेl     सनातनी  संस्कार कहाँ  है,तोड़ने लगे अब नाता,  बिलख रही है आहें भर के,गली-गली में गौ माताl      वारिस के ही सामने गैया,बूचड़खानों में झूल रही,  एक ओर माता कहते ही,अब […]

  सच तो ये है मेरी हर शाम उदास होती है, अकेले में भी तुम्हारी यादें पास  होती हैl एकांत की बात तो चलो दूसरी है साथी, भीड़ में तन्हाई  मेरे आस-पास होती हैl मुद्दतों से फिर रहा हूँ उस मंजिल की चाह में, मगर वो मंजिल दूर होकर भी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।