लोगों के सभी फ़लसफ़े झुठला तो गए हम, दिल जैसे भी समझा,चलो समझा तो गए हम। मायूस भला क्यों हैं ये दुनिया के मनाज़िर, अब आँखों में बीनाई लिए आ तो गए हम। किस बात पे रूठे दरो दीवार मकाँ हैं, कुछ देर से आए हैं,मगर आ तो गए […]

`राधा रूठ गई कन्हैया से, कह डारी कितनी ही कड़वीं बतियां मनबसिया से।  कहे राधा नयनन् में भर के आंसुअन की धार, कहो कन्हैया का देखो तुम इन गोपियन में, अऊर हो जात हो निढाल?  जिया मोर सुलग जाए सुन तुम्हरी रसीली बतियां, ए कन्हैया! काहे तुम रस बरसाओ इन […]

प्रकृति और पुरूष का मिलन है, एक संजोगl माता-पिता की कृपा से, हमारा जन्म, एक योगl उनके आशीष से, हमारा जीवन है, सदा निरोगl हम बच नहीं सकते, सुख-वैभव से, वह है,समकाल का भोगl जन्म से उत्तरकाल तक का, जीवन है,एक आनन्द, अति सुन्दर जोगl देह  से आतम का, निकलना […]

तलाशोगे खुद में तो पाओगे मुझको, भला सबसे कब तक छुपाओगे मुझको। तुम्हीं तो हो मेरी मोहब्बत की मंजिल, मैं देखूँगा कब तक रुलाओगे मुझको। नहीं भूल पाया वो वादे वफ़ा के, बताओ तो कैसे भुलाओगे मुझको। नहीं नींद आती है आँखों में अब तो, मगर एक दिन तो सुलाओगे […]

सोच रहा हूं कि किताब लिखूं, शीर्षक में ही सब हिसाब लिखूं। तू मेरी मदद कर हाथ बँटा, क्या लिखूं सही-सही बता। फौजी सैनिक सम्मान लिखूं, कि मंदसौर गोलीकांड लिखूं। प्यासी धरती,रुठा आसमान लिखूं, कर्ज में डूबकर मरता किसान लिखूं। बन्द बाजार,चक्काजाम या हड़ताल लिखूं, खुली आंख-कान की अंधी-बहरी सरकार […]

भारत के वर्तमान  राष्ट्रपति  प्रणब  मुखर्जी  का कार्यकाल  २४ जुलाई  को समाप्त  हो रहा है। १४ वें राष्ट्रपति  के चुनाव  की प्रक्रिया आरंभ  हो चुकी है। एनडीए ने रामनाथ  कोविंद  को अपना उम्मीदवार  बनाकर दलितों  का  दिल जीतने और देश को एक संदेश  देने का प्रयास  किया है। इससे पूर्व […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।