नहीं जाने दूँगा अब कहीं ओर! यूँ ही पकड़ के रखूँगा हाथों में हाथ। ओ मेरे चितचोर, तुम ही तो लाते हो सदैव बादल घनघोर॥ सुबह,दोपहर और साँझ तुम्हारे साथ ही खिलता मेरे मन का मोर॥ गहन रहस्य प्रकृति का बता दूँ, तेरी हरीतिमा से मैं आँचल भू का सजा […]
वो बेवफ़ा है उसे क्या सिखा रहा हूँ मैं, वफ़ा की बात उसे क्यों बता रहा हूँ मैं। तमाम रात मुझे नींद कैसे आएगी, तमाम रात यही सोचता रहा हूँ मैं। वो ख़त जो अपने पते पर कभी नहीं पहुंचे, उन्हीं बेनाम ख़तों का पता रहा हूँ मैं। ख़फा-ख़फा-सी रही […]
हिन्दी प्रान्तों के लोग भी अगर हिन्दी को अपना लें तो इसे किसी अन्य भाषा-भाषी का मुखापेक्षी होने की ज़रूरत नहीं है। दुनिया की जनसंख्या में हिन्दी-भाषियों की संख्या बहुत बड़ी है,पर समस्या यह है कि अपने ही घर में हिन्दी जलावतन हो गई है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण है उत्तर प्रदेश के […]
सांझ के रवि की तरह ढलकर मैं सो गया हूं। लगता है जैसे अब मैं बूढा हो गया हूं॥ तन का उत्साह भी खत्म-सा होने लगा है। मन पुष्प फिर से बचपन बीज बोने लगा है॥ नयनों का प्रकाश भी अब हो कम-सा गया है। सांसों का सैलाब भी अब […]
हसीं ज़ज़्बात का दिल में ठिकाना भी ज़रूरी है, छुपाना भी ज़रूरी है जताना भी ज़रूरी है। बिखरता है नहीं यूँ ही !उजाला इश्क़ का यारों, मुहब्बत में ये दिल अपना जलाना भी ज़रूरी है। उन्हीं बातों को दुहराने से होगा कुछ नहीं हासिल, गई जो रात तो फिर बात […]
एक पहल करनी होगी गौरेया को बचाने के लिए,क्योंकि गौरेया कम देखने को मिलती है। यह आए दिन विलुप्त होती जा रही है। सर्वप्रथम हमें बाग-बगीचों को बढ़ाना होगा,पीपल,आम और बरगद के पेड़ लगाने होंगे तथा विलुप्त हो रही इस पक्षी की नस्ल को बचाने के लिए एकसाथ कार्य करना […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।